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आफताब के नार्को टेस्ट का क्या है पूरा सच,जानिए नार्को टेस्ट में अपराधी कैसे बोलते है सच 

आफताब के नार्को टेस्ट का क्या है पूरा सच,जानिए नार्को टेस्ट में अपराधी कैसे बोलते है सच 

दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस ने पूरे देश को दहला दिया है. इस केस में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. कोर्ट ने श्रद्धा की हत्या के आरोपी आफताब की पुलिस कस्टडी 5 दिनों के लिए बढ़ा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने आफताब का नार्को टेस्ट करने की इजाजत भी दे दी है. नार्को टेस्ट में बड़े से बड़े अपराधी सच उगल देते हैं. नार्को टेस्ट से खूंखार अपराधी भी डरते हैं. आइए जानते हैं कि नार्को टेस्ट कैसे किया जाता है और इसमें एक अपराधी कैसे सच बोलने लगता है.

कोर्ट ने दी आफताब के नार्को टेस्ट की इजाजत

बता दें कि कोर्ट ने श्रद्धा के मर्डर के आरोपी आफताब के नार्को टेस्ट की इजाजत दे दी है. बिना कोर्ट की इजाजत के किसी का नार्को टेस्ट नहीं किया जा सकता है. अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो यह अपराध है. नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ती है. अपराधी चाहे जितना भी बड़ा हो, नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट की इजाजत लेनी ही पड़ती है.

कौन करता है नार्को टेस्ट?

जान लें कि एक एक्सपर्ट टीम ही नार्को टेस्ट कर सकती है. इस टीम में डॉक्टर, फॉरेंसिक एक्सपर्ट, जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक और पुलिसकर्मी शामिल होते हैं. नार्को टेस्ट के लिए पहले एक्सपर्ट टीम का गठन किया जाता है.

नार्को टेस्ट कैसे होता है?

गौरतलब है कि नार्को टेस्ट में अपराधी को ट्रुथ ड्रग दी जाती है, जिससे वो सच बोलने लगता है. ट्रुथ ड्रग को इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है. ट्रुथ ड्रग की वजह से इंसान आधी बेहोशी में चला जाता है. फिर आधी बेहोशी की हालत में इंसान झूठ नहीं बोल पाता है. नार्को टेस्ट के लिए एक मशीन का इस्तेमाल भी किया जाता है. इसे इंसान की उंगलियों पर लगाया जाता है. इस मशीन की मदद से इंसान की सभी हरकतों को भी मॉनिटर किया जाता है. आरोपी आफताब के नार्को टेस्ट में श्रद्धा मर्डर केस का सच सामने आने की उम्मीद है.

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