कराधान घोटाले में रीवा जिला पंचायत सीईओ सवालों के घेरे में, बोले- नहीं दी क्लीन चिट

कराधान घोटाले में रीवा जिला पंचायत सीईओ सवालों के घेरे में, बोले- नहीं दी क्लीन चिट
रीवा। जिला पंचायत सीईओ पर 22 पंचायतों को क्लीन देने के लागये थे आरोप. मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी का कहना था कि सीईओ जिला पंचायत कार्यालय रीवा में लगाई गई एक आरटीआई में बताया गया है कि कराधान घोटाले की जांच के बाद उन पंचायतों को धारा 40-92 की जारी की गई वसूली नोटिस समाप्त किए जाने के संबंध में प्राप्त नोटशीट और इसके बाद आदेश की प्रति में जनपद पंचायत गंगेव की ग्राम पंचायतों – दुबहई खुर्द, संसारपुर, कटहा, सेदहा, लौरी खुर्द, अगडाल, बांस, शिसवा, खरहरी, चौरी, टिकुरी 32, परासी, बसौली नं 2, अकौरी, पचोखर, मदरी, तेंदुआ कोठार, रघुनाथ गंज, पनगड़ी कला, बेलवा कुर्मियान, पुरवा 310, हिरूडीह कुल 22 पंचायतों को सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े के द्वारा निर्दोष सिद्ध किया गया है और उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है.
रीवा की 75 पंचायतों में हुआ था घोटाला : सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि रीवा जिले की 75 में से मात्र 38 पंचायतें तो सिर्फ गंगेव जनपद की थी. 38 पंचायतों में से 22 पंचायतों को क्लीन चिट दिए जाने के बाद मात्र 16 पंचायतें ही बची हुई हैं, जिनमें देखना होगा कि इनपर क्या होता है. जिस प्रकार से जिला कलेक्टर द्वारा जारी दो पत्रों में अलग-अलग करारोपण और कराधान की जांच में दोषी पाया जाना और फिर इसके बाद संभागायुक्त द्वारा गठित संभागीय अधिकारियों की टीम द्वारा भी दोष सिद्ध पाया जाना और पुनः सीईओ जिला पंचायत उक्त पंचायतों को क्लीन चिट दिया जाना सवाल खड़ा कर देता है.