
बड़गांव उप स्वास्थ्य केंद्र में नहीं मिलते डॉक्टर, मुलाहिजा के लिए पीड़ित को रीठी आना मजबूरी
कटनी जिले के रीठी तहसील के उप स्वास्थ्य केंद्र बड़गांव में पदस्थ डॉक्टर मुख्यालय में नहीं रहते।
बड़गांव की पीड़ित महिला का आरोप है कि कल शाम झगड़ा के बाद सलैया पुलिस चौकी में रिपोर्ट की गई।
पुलिस ने रिपॉर्ट लिखने के बाद डाक्टरी मुलाहिजा कराने के लिए कहा।
पीड़ित का आरोप है कि बड़गांव अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं रहता ऐसे में मुलाहिजा के लिए रिठी अस्पताल आना पड़ता है।
ऐसे में मजबूरी में लोगों को रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भटकना पड़ता है।
बता दें कि इन दिनों रीठी स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं। जिम्मेदारी से ड्यूटी करने वाले डॉक्टर विश्वास त्रिपाठी को बिलहरी भेज दिया गया।
ऐसा लगता है जैसे रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को हाईजैक कर लिया गया है।
यहां बीएमओ मोहरा बनकर काम करते लग रहे है।
अस्पताल चलाने वाली अदृश्य शक्तियां है।
जो बीएमओ पराशर के आगे गीदड़ बने थे वे ही आज अस्पताल को अप्रत्यक्ष रूप से चला रहे हैं।
उपस्वास्थ्य केंद्र बड़गांव में तो स्टाफ की कमी के चलते एएनएम के भरोसे अस्पताल चल रहा है।
यहां पदस्थ डॉक्टर मुख्यालय में नहीं रहते साथ ही यहां के कर्मचारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रीठी में नियमविरुद्ध अटैच भी किया गया है जिस से बड़गांव उप स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाए गड़बड़ाई हुई है।
रीठी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को जनता के सरोकारों से कोई लेना-देना नहीं लगता है।
यहां की जनता शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रही है।
अस्पतालों में स्टाफ की कमी है और जो है वह भी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं।
अस्पतालों में बदले हुए ओपीडी के समय में शाम को 5:00 से 6:00 पर कर्मचारी रीठी, बड़गांव, बिलहरी की अस्पतालों से नदारद मिलते हैं।
चुनाव आते ही जनता के सेवक वोट मांगने के लिए तो आते हैं लेकिन जनता की इन मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करने वाला क्षेत्र में आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं दिखा।
रीठी क्षेत्र का भगवान ही मालिक है।
जिला प्रशासन अंधा और गूंगा बना हुआ है। ध्यानाकर्षण के बाद भी कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है।
संवाददाता-:अज्जू सोनी उमरिया पान ढीमरखेड़ा कटनी