युवाओं में ज्यादा बढ़ रहा है कोलन कैंसर का खतरा, यहां इसके शुरुआती संकेतों को जानें

Colan Cancer : पेट की आंत तक पहुंच जाता है. अधिकतर यह कैंसर बुजुर्गों में देखने को मिलता हैं पर अब यह कैंसर युवाओं में भी बढ़ता रहा है. कोलोरेक्टल कैंसर के बारे में कभी यह सोचा जाता है कि यह बुजुर्ग लोगों को प्रभावित करता है.
हालांकि american कैंसर सोसायटी द्वारा हाल ही में सामने एक अध्ययन में बताया गया कि पांच मामलों में 55 वर्ष से कम उम्र के लोगों में कोलन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है. यह स्पष्ट नहीं कि यह कैंसर का क्या कारण है.
किनको ज्यादा खतरा है?
लगभग एक 1/3 कोलोरेक्टल कैंसर रोग जेनेटिक समस्या की वजह से होते हैं. बॉडी के बढ़ते वजन कोलोरेक्टल कैंसर का समस्या बढ़ जाता है, मात्र 5% कोलोरेक्टल कैंसर का कारण शरीर का अधिक वजन होना है.
अन्य ज्यादा वजन भी मुख्य रूप में कोलन के दाहिने तरफ ट्यूमर से जुड़ा हुआ है. साइंस में छपे पेपर के अनुसार यह कैंसर मीठे पेय पदार्थों के साथ मीट का अधिक सेवन शामिल है.
आपको कैसे प्रभावित करता है
सभी कारण से माइक्रोबायोम में प्रभाव पड़ता है. कोलोरेक्टल कैंसर तब शुरू होता है जब मलाशय के लेवल में स्वस्थ कोशिकाएं बदलती हैं व नियंत्रण से बाहर हो जाता हैं, जिससे ट्यूमर बनता है. अगर कैंसर का जल्द पता चल जाता है तो जिंदा रहने की दर 90 प्रतिशत होती है.
मरीजों के लिए यह जरूरी है कि वे लक्षणों और संकेतों के बारे में अच्छे से पता कर लें जैसे मलाशय से रक्तस्राव और आयरन की कमी,यह ध्यान रखें की बिना सोचे समझे कोलोरेक्टल कैंसर इसका कारण नहीं युवा रोगियों में कोलोरेक्टल कैंसर का सबसे आम लक्षण पेट दर्द है, बिना वजह में वजन घटना और मलाशय से खून बहना हो सकता है.
लक्षणों को हल्के में न लें
युवा लोगों के लिए यह मानना आसान है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. लेकिन कई बार कुछ समस्याओं को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है. इसीलिए कोलन कैंसर के इन संकेतों को ज्यादा समय तक इग्नोर ना करें, समय रहते हुए डॉक्टर को दिखाएं.