
सीधी मोहनिया टनल सड़क हादसे में दिग्विजय सिंह गांव के 8 लोगो की मौत पसरा मातम!
सीधी जिले में जो हृदय विदारक सड़क दुर्घटना हुई है इससे हर कोई विचलित है रामपुर नैकिन थाना अंतर्गत चोभरा
दिग्विजय सिंह गांव के 8 सबसे अधिक बस में सवार यात्री मारे गए हैं, इस हादसे से पूरे जिले के साथ-साथ पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
किसी भी घर में नहीं जला है चूल्हा
विदित हो कि चोभरा दिग्विजय सिंह गांव में किसी भी घर में शनिवार के दिन चूल्हा नहीं जला है क्योंकि जिस तरह से 8 लोग काल कलवित हुए हैं
उससे हर कोई स्तब्ध है। किसी के मां का सिंदूर मिटा तो किसी के भाई का साथ किसी की बहन का प्यार, किसी की गोद सूनी हो गई तो किसी का बेटा इस दुनिया से दूर चला गया।
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब
जैसे ही 8 मृतकों के अंतिम संस्कार सोन नदी के भंवर सेन घाट में होने लगा तो सिर्फ उसी गांव की नहीं बल्कि आसपास के दो-चार गांव के लोग अंतिम संस्कार में
शामिल होने के लिए जाते हुए दिखे हर कोई ना चाहते हुए भी अपने आप को नहीं रोक पा रहा था और अपनों को जाते हुए उनका मन काफी द्रवित व विचलित भी दिख रहा था।
रोते बिलखते रहे लोग
अपनों को खोने का दुख क्या होता है इसी बात से पता चलता है कि जिस तरह से एक गांव के ही 8 लोग काल के गाल में समा गए हो यह दुख उनके परिजन या
उनके गांव के या फिर उनके रिश्तेदार के ही लोग बता सकते हैं वहीं लोगों के रोने की आवाज के सिवा चारों ओर कुछ भी ना तो सुनाई दे रहा था ना ही दिखाई दे रहा था।
छोटे कॉल में जानकारी देते हुए बताया है कि मेरे जीने का सहारा एवं मकसद दोनों ही मेरी जिंदगी से जा चुके हैं
मेरा बेटा चूड़ामन कोल भाजपा की रैली में गया तो जिंदा था लेकिन वापस मैं उसका मुंह नहीं देख सका शायद ईश्वर को यही मंजूर था।
वही मेरी पत्नी दयावती का रो रो कर बुरा हाल है वह बार-बार घर सिर्फ और सिर्फ घर की चारदीवारी को देखते हुए छोटे-छोटे कह कर विलाप करती हुई नजर आ रही है।
वह सिर्फ यही कहती है कि मेरा 20 साल का जवान बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा जिसको लेकर के मैं बड़े-बड़े सपने देखा करती थी जिसको अमित शाह की रैली ने चकनाचूर कर दिया।