सेंट्रल जेल से कमाए रूपये को कैदीओं ने हवा में उड़ाए जमकर पैसे, पढ़े पूरी खबर

MP News : जबलपुर की नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल अब अपराध की दुनिया से हटकर कैदी सुधार की दुनिया में आ गई है। जहां जेल प्रशासन उन्हें कई तरह की ट्रेनिंग मुहैया कराता है। इतना ही नहीं ट्रेनिंग के साथ पैसा भी दिया जाता है। सिर की टोपी से लेकर शरीर के कपड़े तक सब कुछ कैदियों के हाथों से बनाया जाता है। इस जेल में करीब 4 हजार कैदी हैं।
इन्हें कार्य के बदले मिलता है इतना पेमेंट
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने कहा कि कैदियों को प्रशिक्षित किया गया है। जेलों में बनी फैक्टरियों में कैदी हुनर सीखते हैं। फैक्ट्री में बढ़ईगीरी, सिलाई, छपाई, पेंटिंग से लेकर हर तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि जब कैदी सजा पूरी होने पर बाहर जाए।तब वे बेरोजगार नहीं होंगे और अपनी आजीविका जारी रख सकेंगे। जो भी कैदी सेंट्रल जेल में कार्यरत हैं उन्हें भुगतान किया जाता है। यहां कैदियों पारिश्रमिक के तौर पर कुशल कैदियों को 154 रुपये प्रतिदिन और अकुशल कैदियों को 92 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है। यह पैसा कैदियों के खाते खोलकर ट्रांसफर किया जाता है।
90 दिनों में कैदियों ने कमाए 75.5 लाख रुपये
तोमर ने बताया कि फिलहाल बंदियों ने कोर्ट, थाने और तहसील की कुर्सियों जो क्षतिग्रस्त है उनका नवीनीकरण कराया है। जिसे जेल के अंदर लाया गया और कैदी कुर्सियों का नवीनीकरण करते हैं। इसके बदले में उन्हें भुगतान किया जाता है। ऐसे कई काम हैं जो कैदी इस तरीके से करते हैं। तीन महीने में जेल में करीब 4,000 कैदियों ने काम किया, इस तरह कैदियों को करीब 7.5 लाख रूपये की कमाई हुई। जनवरी में, 1,333 कैदियों को 27 लाख रुपये का भुगतान किया गया, फरवरी में लगभग 1,300 कैदियों को 24.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया और मार्च में लगभग 1,230 कैदियों को 23 लाख रुपये का भुगतान किया गया।