कान्हा से 4 गौर की पहली खेप संजय टाईगर रिजर्व सीधी के लिए रवाना

कान्हा से 4 गौर की पहली खेप संजय टाईगर रिजर्व सीधी के लिए रवाना।

प्रथम न्याय न्यूज़। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्यप्राणी संरक्षण एवं प्रबंधन में अग्रणी टाईगर स्टेट मध्यप्रदेश द्वारा विभिन्न संकटापन्न प्रजातियों की अलग-अलग स्थानीय आबादी विकसित करने हेतु अनेक नवाचार किये जाते रहे हैं। विलुुप्तप्राय बारासिंघा प्रजाति पूर्व में कान्हा से सतपुड़ा टाईगर रिजर्व एवं बांधवगढ टाईगर रिजर्व में स्थापित किये जा चुके हैं, जिससे इस प्रजाति को नया जीवन प्राप्त हुआ। इसी प्रकार संजय टाईगर रिजर्व, सीधी में गौर की आबादी विकसित करने की परियोजना तैयार की गई।
कान्हा टाईगर रिजर्व मण्डला से संजय टाईगर रिजर्व, सीधी में गौर के प्रत्यास्थापन की योजना वर्ष 2021 में भारत सरकार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृत की गई थी। यह योजना म.प्र. शासन वन विभाग के पहल पर भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा तैयार की गई, जिसके अंतर्गत कान्हा टाईगर रिजर्व से 35 एवं सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से 15 गौर वन्यप्राणियों का स्थानान्तरण प्रस्तावित हैं। इसी कड़ी में कान्हा टाईगर रिजर्व से 1 जून 2023 को 2 नर एवं 2 मादा कुल 4 गौर की पहली खेप संजय टाईगर रिजर्व हेतु रवाना की गई। इस कार्यवाही के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश जसवीर सिंह चौहान, भा.व.से. विशेष रूप से कान्हा में उपस्थित थे। उनके मार्गदर्शन में कान्हा परिक्षेत्र के रानी तालाब क्षेत्र से गौर को पकड़कर विशेष रूप से तैयार किये गये परिवहन ट्रक से रवाना किया गया। इस कार्यवाही में मध्यप्रदेश वन विभाग के सुनील कुमार सिंह, भा.व.से., क्षेत्र संचालक एवं पुनीत गोयल, भा.व.से. उपसंचालक कान्हा टाईगर रिजर्व एवं संजय टाईगर रिजर्व के अधिकारी, कर्मचारियों के अतिरिक्त भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के प्रोजेक्ट इन्चार्ज डॉ. पराग निगम तथा उनके सहयोगी तथा मघ्यप्रदेश वन्यप्राणी स्वास्थ्य एवं फॉरेंसिक संस्थान, जबलपुर की शोभा जावरे के नेतृत्व में टीम संलग्न थी। गौर पकड़ने की कार्यवाही प्रातः 5 बजे से आरम्भ कर प्रातः 9 बजे तक संपन्न की गई।

इसके पूर्व वर्ष 2011-12 में कान्हा टाईगर रिजर्व से 50 गौर का प्रत्यास्थापन बांधवगढ टाईगर रिजर्व, उमरिया में सफलतापूर्वक किया गया। वहाँ लगभग 150 गौर की संख्या है। वर्तमान प्रक्रिया पूर्णतः भारतीय विशेषज्ञों की देखरेख में संपन्न की जा रही है। इस प्रक्रिया के अध्ययन के लिये छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक राज्य के वन्यप्राणी प्रबंधन अधिकारी भी उपस्थित रहे। आगामी 1 सप्ताह में कान्हा टायगर रिजर्व से 35 गौर का विस्थापन किया जाना प्रस्तावित है।

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