देखिए एक कलयुगी मां ने अपने ही खून की हत्या मां ने दी बेटे की सुपारी गला घोंटा लाश को घर में ही गाड़ा
धार के डैम में मिली लाश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बोरे में बंद लाश जिस युवक की थी, उसकी हत्या की सुपारी उसकी मां ने ही दी थी। हत्या में उसके बड़े बेटे ने भी साथ दिया। करीब 40 दिन की जांच के बाद पुलिस ने गुरुवार शाम 2 सुपारी किलर, मां, भाई समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला लाबरिया गांव के माही डैम का है।
पढ़िए, हत्याकांड की पूरी कहानी
22 अक्टूबर को राजोद थाने पर सूचना मिली थी कि लाबरिया माही डैम के गोंगदीखेड़ा में एक व्यक्ति की लाश बोरे के अंदर मिली है। पुलिस पहुंची और पंचनामा बनाकर शव को बाहर निकलवाया। मृतक की पहचान पप्पू पिता शंकर निवासी अहमद के रूप में हुई। पुलिस उसके घर पहुंची तो मृतक का भाई पुंजा मिला। उसने बताया कि 16 अक्टूबर को पप्पू की पत्नी का फोन आया था। उसने पप्पू को मिलने के लिए बुलाया था।
अगले दिन 17 अक्टूबर को पप्पू यह कहकर घर से निकला था कि पत्नी से मिलने जा रहा है। हालांकि, वह पत्नी के पास नहीं पहुंचा। इस पर हमने भाई के गायब होने की सूचना सरदारपुर थाने पर दर्ज करवाई थी। करीब 20 दिनों तक पुलिस के हाथ खाली रहे।
मोबाइल ने खोला राज
थाना प्रभारी रोहित कछावा के अनुसार- अज्ञात आरोपी की तलाश करते पप्पू के मोबाइल को सर्विलांस में डाला। उसके मोबाइल की खोज आईएमईआई नंबर से भी की गई। इस पर पता चला कि पप्पू का मोबाइल सुरेश पिता कैलाश मावी निवास नरसिह देवला चला रहा है। इसके बाद सुरेश के पकड़ने राजोद पुलिस पीथमपुर के काली बिल्लौदा पहुंची। यहां सुरेश ने बताया कि यह मोबाइल उसने अहमद नगर गांव के रहने वाले विक्रम से 1500 रुपए में खरीदा है।
30 हजार में हत्या का सुपारी
एक टीम विक्रम पिता मुकेश को पकड़ने उसके गांव पहुंची। यहां से उसे थाने लाया गया। उसने बताया कि पप्पू की मां गीताबाई ही अपने बेटे को मारना चाहती थी। इसी सिलसिले में करीब 2 महीने पहले मृतक का भाई पुंजा हमसे आकर मिला था। इस दौरान मेरा दोस्त सावन भी था। उसने बताया था कि उसका भाई पप्पू रोज शराब पीकर खुद के बच्चे और मां गीताबाई को प्रताड़ित करता है। वह उनसे मारपीट करता था। मां और पूरा परिवार उससे परेशान है। मेरी मां चाहती है कि पप्पू को मार दो। इस पर यहां 30 हजार रुपए में हत्या की सुपारी विक्रम और सावन ने ले ली
मां ने दरवाजा खुला छोड़ा
टीआई कछावा के अनुसार 16 अक्टूबर को रात करीब 10 बजे पुंजा ने विक्रम को कॉल किया। उसने कहा- तू सावन को लेकर घर आ जा। पप्पू घर पर है, मेरी मां उसी के साथ उसी कमरे में सो रही है। मां ने दरवाजा खुला छोड़ दिया है। तुम दोनों आकर पप्पू का खेल खत्म कर दो। इस पर विक्रम और सावन घर पहुंचे, यहां दरवाजा खुला था। दोनों को घर आता देख पुंजा भी बाहर आ गया। तीनों कमरे में पहुंचे तो पप्पू खाट पर सोता मिला।
वहीं, पास लेटी पप्पू की मां आरोपियों के आने का इंतजार कर रही थी। इसके बाद तीनों ने पप्पू को पकड़ा और कपड़े से उसका मुंह बांध दिया। इसके बाद गला घोंटकर उसे मार डाला। पप्पू की मां के कहने पर हत्या के बाद घर पर ही चार फीट लंबाई, दो फीट चौड़ाई और तीन फीट गहराई का गड्ढा खोदकर उसे गाड़ दिया गया। गड्ढा उसी कमरे में किया गया जहां मां सोती थी। जाते समय पुंजा ने पप्पू का मोबाइल विक्रम को देते हुए कहा- इसे कहीं एकांत में फेंक देना। हालांकि, उन्होंने लालच में 1500 रुपए में मोबाइल बेच दिया। दो दिन बाद 19 तारीख को बदबू आई तो भाई ने फिर आरोपियों को कॉल किया और मिलने का बोला। यहां उनसे कहा कि घर में बदबू फैल रही है, लाश को ठिकाने लगाना पड़ेगा।
गड़ी लाश निकालने के लिए मांगे 10 हजार
विक्रम लाश को बाहर निकालकर ठिकाने लगाने के एवज में 10 हजार रुपए और मांग रहा था। पुंजा के हामी भरने पर रात में लाश को बाहर निकालने का प्लान बनाया। रात करीब 11 बजे दोनों पप्पू के घर पहुंचे और मिट्टी हटाकर गड्ढे से लाश बाहर निकाली। लाश को पन्नी में लपेटा और उसे बोरे भर दिया। बोरे को बांधकर पुंजा की बाइक पर रखा।
रात करीब 12 बजे विक्रम और सावन ने लाश को माही डैम में ले जाकर फेंक दिया। लौटकर पुंजा और मां ने गड्ढे को भरा और ऊपर से भूसा बिछा दिया। अगले दिन मां ने पुंजा से कहा- हमने पप्पू को इस प्रकार से मारकर फेंका है, उसकी आत्मा भटकेगी। उसे खोजकर लाओ और चुपचाप उसका अंतिम संस्कार कर दो। हालांकि, पुंजा लाश लेकर आ पाता, इससे पहले ही किसी ने माही डैम में लाश होने की सूचना पुलिस को दे दी।
पप्पू मृतक
लापरवाही पर किया लाइन अटैच
22 अक्टूबर को युवक की लाश मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने के मामले में 13 नवंबर को एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने नाराजगी जाहिर की। इस मामले में तत्कालीन टीआई रहे अभिनव शुक्ला समेत जांच अधिकारी रेम सिंह बामनिया को प्रकरण की जांच व कायमी में त्रुटिपूर्ण कार्रवाई करते हुए लापरवाही, उदासीनता करने पर थाने से हटा दिया। इसके बाद प्रकरण की जांच थाना प्रभारी रोहित कछावा को सौंपी गई। पहले युवक की हत्या को लेकर उसकी पत्नी पर संदेह पुलिस को हुआ, लेकिन सीडीआर में लोकेशन समेत नंबर दूसरे आने के बाद पुलिस की जांच आगे बढ़ी व आरोपी युवक की मां ही निकली।