सीधी जिले में संचालित पशु चिकित्सालयों एवं पशु औषधालयों में चिकित्सकों के स्वीकृत पद लम्बे समय से रिक्त पड़े हुए हैं। चिकित्सकों की कमी के चलते बीमार पशुओं के उपचार में पशु पालकों को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। ये स्थिति कई सालों से निर्मित है।
बताते चलें कि सीधी जिले में 24 पशु चिकित्सालयों एवं 41 पशु औषधालयों का संचालन हो रहा है। वर्तमान में पशु चिकित्सालयों में केवल 13 चिकित्सक पदस्थ हैं वहीं 11 पद खाली हैं। इसी तरह जिले में तीन गर्भाधान केन्द्र संचालित हैं। जिनमें स्वीकृत पद के अनुसार पदस्थापना है। जबकि कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्द्र 40 संचालित हो रहे हैं। इनमें 18 में पदस्थापना है और 32 पद रिक्त हैं। पशु चिकित्सा विभाग से संबद्ध अन्य शाखाओं में भी छ: कर्मचारियों के कमी है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 18 पशु चिकित्सक एवं 74 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की पदस्थापना सीधी जिले में हो जाए तो पशुओं के उपचार में आ रही दिक्कतें दूर हो सकती हैं। जिले में पशु चिकित्सकों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की कई सालों से कमी है। स्वीकृत पद के अनुसार पशु चिकित्सालयों एवं पशु औषधालयों में पदस्थापना न होने के कारण पशु पालकों को अपने बीमारू पशुओं का उपचार कराने के लिए भटकना पड़ता है।
कार्यालयीन स्टाफ की भी है भारी कमी:- बताया गया है कि जिले में पशुओं के उपचार के लिए 24 पशु चिकित्सालय एवं 41 पशु औषधालयों का संचालन तो किया जा रहा है लेकिन आधे से अधिक चिकित्सालयों एवं औषधालयों में उपचार करने के लिए चिकित्सक ही नहीं हैं। लिहाजा यहां पदस्थ अन्य कर्मचारी बीमारू पशुओं का उपचार काम चलाऊ करते हैं। यदि उनके उपचार से बीमार पशु ठीक हो गए तो अच्छी बात है अन्यथा हालत और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है। पशुओं की उपचार व्यवस्था सीधी जिले में करीब एक दशक से लगातार दयनीय होती जा रही है। इसका मुख्य कारण पुराने चिकित्सकों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों के सेवा निवृत्त होने के बाद रिक्त पदो पर पदस्थापना न होना है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पशु चिकित्सकों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की कमी समूचे प्रदेश में है। शासन स्तर से भर्ती न होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है। जो कुछ भर्ती बीच में हुई है उस में सीधी जिले में काफी कम पदस्थापना की गई है। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वीकृत पद के अनुसार चिकित्सको एवं सहायक पशु चिकित्सक क्षेत्र अधिकारियों की कमी को लेकर समय-समय पर वरिष्ठ कार्यालयों से पत्राचार किया जा रहा है। बिडम्बना ये है कि वहां से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।