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चीन ने 5300 साल पुराना धान का पौधा खोजा, सिंचाई की इस तकनीक को देख दुनिया के वैज्ञानिक हैरान 

 

 

चीन ने 5300 साल पुराना धान का पौधा खोजा, सिंचाई की इस तकनीक को देख दुनिया के वैज्ञानिक हैरान 

 

चीन वैज्ञानिकों के द्वारा 53,00 साल पुराने धान के पौधों की खोज की गई है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने इस स्थान से एक प्राचीन सिंचाई प्रणाली को भी पता लगा लिया है। इस सिंचाई प्रणाली के पास के घरों से जुड़ी हुई है. इसे चीन कृषि के इतिहास की एक बड़ी खोज मानी जा रही है

चीन पुरातत्व ने 53,00 साल पुराने धान के पौधे की खोज की यह पौधा जिस स्थान पर मिला वह हेमुडु सभ्यता से जुड़ा हुआ है। इस स्थान पर एक प्राचीन उन्नत सिंचाई प्रणाली और निचले

यांग्त्ज़ी नदी को लोगों कि कनेक्टिविटी के कई प्रमाण मिले हैं। निंगबो म्यूनिसिपल रिसर्च एकेडमी ऑफ कल्चरल हेरिटेज मैनेजमेंट की रिपोर्ट में। धान की बुवाई का यह पूरा क्षेत्र लगभग 1000 वर्ग में पसरा हुआ है। यह शोध नवपाषाण युग के हेमुडु सभ्यता क्षेत्र के केंद्र में हुई है, जो प्राचीन काल में मानव गतिविधियों का एक बड़ा स्थान रहा था

पुरातत्वविदों को क्या-क्या मिला

खनन के दौरान पुरातत्वविदों को तीन चोटियों 9 गड्ढे चावल और खरपतवार के निशान मिले हैं, इनके द्वारा सिंचाई और जल निकासी प्रणाली के रास्ते की जानकारी भी हाथ लगी है जो चावल के खेत को पड़ोस के घरों से जोड़ता था। वैज्ञानिकों ने इस स्थान पर मिले सिंचाई की व्यवस्था को देखकर अपने अध्ययनों से संकेत पाया कि गड्ढे आसपास की चोटियों और खाइयो के आसपास किए गए निर्माण से बने हैं। उनका ऐसा मानना है की खोज चावल की खेती एक प्राचीन प्रणाली का खुलासा करती है, जो इस क्षेत्र के मैदानी इलाकों में प्रचलित प्राचीन कृषि तकनीक को खास जानकारी देता है।

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धान की खेती के लिए प्रसिद्ध थी हेमुडु संस्कृति

हेमुडु सभ्यता निगोबो के हेमुडु में विकसित हुई थी यह एक पुरानी सभ्यता है। जो कि चावल की खेती तथा प्रगति और अद्वितीय ऊंची इमारत के लिए प्रसिद्ध था। यह सभ्यता यांग्त्जी नदी इलाके में विकसित हुआ है। 20 दिसंबर 2020 में चीन के मीडिया ने जानकारी देते हुए झेजियांग प्रांत के युयाओ मैं दुनिया के सबसे प्राचीनतम चावल के खेतों की खोज की जो कि लगभग 6300 साल पुराना है। हेमुदु साइट के पास शियाओ खंडहर में स्थित है। एक प्रागैतिहासिक धन लगभग 900,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र को कवर करता है, जिसमें 7000 वर्ग मीटर की वर्तमान में खुदाई हुई है

 

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