तीसरे किरदार को बचाने के लिए रची गई ये कहानी! कुछ दिन पहले बेटे ने मां को मारी थी गोली
तीसरे किरदार को बचाने के लिए रची गई ये कहानी!
लखनऊ: राजधानी में PUBG हत्याकांड में पुलिस की थ्योरी को लेकर परिवार और पुलिस के बीच मतभेद सामने आया है. बेटा तो बस उस तीसरे किरदार के इशारों पर चल रहा था, जिसे छुपाने के लिए पुलिस ने सभी के सामने PUBG की कहानी सामने रख दी. अब सवाल ये है कि वो तीसरा किरदार कौन है?
आरोपी बेटे के परिवार के कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. एक सदस्य ने मीडिया को डरते हुए बताया कि उस वक्त पुलिस की बात मनाना ही एक अंतिम विकल्प था. थाने पर पहुंचते ही पुलिस ने परिवार से कहा कि या तो खुद से हत्या का कारण बताओ नहीं तो जो पुलिस बता रही है उसे ही मान लो. पुलिस ने PUBG गेम को हत्या का आधार बताने के लिए परिवार की सहमति ली और सभी के सामने यह मनगढ़ंत कहानी रख दी थी. उनके मुताबिक, हत्या का असल किरदार ऐसा था, जिसे परिवार व पुलिस सामने नहीं लाना चाहते थे और अब उस किरदार का राज पुलिस व परिवार के सीने में दफ्न है.
49 सेकंड में बताई घटना, पौन घंटे की वीडियो कॉल
यमुनापुरम कॉलोनी के रहने वाले 16 साल के बेटे ने 7 जून को आसनसोल में तैनात फौजी पापा नवीन सिंह को सामान्य कॉल की थी. कॉल के दौरान बेटे ने 49 सेकंड की बातचीत में बताया था कि मां को आपकी पिस्टल से मार दिया. इसके बाद नवीन ने बेटे को मां की लाश दिखाने के लिए कहा तो बेटा वीडियो कॉल कर उस बैडरूम में गया, जहां उसकी मां की सड़ी हुई लाश पड़ी थी. यही नहीं वह पिस्टल को उसी अलमारी से फिर से निकाल कर पापा को दिखाने लगा. इस दौरान दोनों के बीच पौन घंटा बातचीत हुई थी.
बाल आयोग पता लगा रहा असली मोटिव
बाल सुधार गृह में बंद मां की हत्या करने वाले बेटे की बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड के साथ-साथ बाल अधिकारी संरक्षण आयोग भी काउंसलिंग कर रहा है. आयोग दर्जनों सवाल इस तरीके से बच्चे से पूछ रहा है कि बिना किसी दबाव के वो जवाब दे दे. आयोग ने अब तक काउंसलिंग में पाया है कि बेटे को किसी ने काफी समय से बातें रटाई हैं. आयोग ने बताया कि काउंसलिंग में सामने आया है कि बेटा कई चीजों को लेकर मां से नाराज था. लेकिन, इस हद तक नहीं कि वो उसकी जान ले ले. आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि नाबालिग को ठीक से समझने के लिए उन्होंने एक रिसर्च विंग तैयार की है. इसमें मनोवैज्ञानिक, वकील व आयोग के सदस्य शामिल होंगे, जो यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि बेटे को कमांड करने वाला रिमोट किसके हाथ में है और कौन है जिसने नाबालिग के अंदर मां के प्रति नफरत भरी थी