मध्यप्रदेश

धान के घोटाले में शाखा प्रबंधक निलम्बित तो वहीं मजदूर हुआ बर्खास्त, जानिए क्या था मामला

MP News : मंडला के गोदाम में रखे माल की निकासी में हेराफेरी की घटना सामने आई है। नयनपुर शाखा प्रबंधक को एंट्री से छेड़छाड़ के आरोप में जबलपुर कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। इसके अलावा एक दिहाड़ी मजदूर की नौकरी भी खत्म कर दी गई है। जानकारी के अनुसार दिव्या गोदाम में एमपी वायर हाउसिंग लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा 19,531 क्विंटल धान का स्टॉक किया गया था। एमपीडब्ल्यूएलसी ने 28 फरवरी को दो ट्रकों से करीब 429 क्विंटल की निकासी की। इनमें से ट्रक क्लीयरेंस की ऑनलाइन इंट्री नहीं हुई। इस तरह करीब 158 क्विंटल धान की आवक नहीं हुई और सरकार को नुकसान हुआ। उसके साथ ही अन्नपूर्णा गोदाम से निकासी के बाद भी ऑनलाइन इंट्री नहीं की गई।

आरोप है कि एमपीडब्ल्यूएलसी अध्यक्ष राहुल सिंह और प्रशासनिक स्तर पर एमपीडब्ल्यूएलसी अध्यक्ष ने क्षेत्रीय प्रबंधक जबलपुर संदीप बिसारिया को जांच के आदेश दिए। नैनपुर शाखा प्रबंधक उज्ज्वल प्रताप सिंह को जांच के बाद निलंबित कर जबलपुर आरएम कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। इसके अलावा दिहाड़ी मजदूर नंद किशोर की नौकरी भी खत्म कर दी गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार शाखा प्रबंधक उज्ज्वल प्रताप सिंह पर पूर्व में गंभीर आरोप लगे थे। आरएम संदीप बिसारिया के संरक्षण में रहने के कारण उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरएम बिसारिया अपने मातहतों पर एक और दिहाड़ी मजदूर का रोजगार खत्म करने का दबाव बना रहे हैं जिसने इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करने में अहम भूमिका निभाई थी।

एमपीडब्ल्यूएलसी के अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि गोदाम संचालक जागरूकता का परिचय देते हुए अनियमितताओं की शिकायत करें। वह अपने स्तर पर शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करेंगे। ईमानदार कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button