बच्चों को भीख देने के वजाय भेजें पुनर्वास, जिले में चलाया जा रहा अभियान
Rewa News : रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बैठक में कहा आज के समय में मंदिरों, बड़े चौराहों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बच्चों की आवाजें यह कहते हुए सुनाई देती हैं, मुझे पांच रुपये दो, मेरे लिए एक पेन खरीद दो, मैं बहुत भूखा हूं। इस आवाज से हमारा अक्सर सामना होता है। बच्चों की दुर्दशा देखकर ज्यादातर लोग पैसे से उनकी मदद करने का धर्म निभाते हैं। लेकिन बच्चों से भीख मंगवाना न केवल सामाजिक बल्कि कानूनी अपराध भी है। भीख मांगने पर सजा का प्रावधान है। बाल भिक्षावृत्ति की समस्या पर काबू पाने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग अन्य विभागों के सहयोग से अभियान चला रहा है।
भीख मंगवाने वालों के खिलाफ शख्त कार्यवाई
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा बाल भिक्षावृत्ति एक सामाजिक समस्या है। इसे कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक सुधार प्रयासों से ही हल किया जा सकता है। हम सभी किसी को भी खतरे में देखते हैं तो उसकी मदद करने की कोशिश करते हैं। इस रवैये का फायदा उठाने के लिए अक्सर बच्चों से भीख मंगवाई जाती है। कई बार, बच्चों की मदद करके, हम उन्हें ऐसी दुनिया में भेजने में सहायक बन जाते हैं जहां ड्रग्स और अपराध बड़े पैमाने पर होते हैं। यदि कोई बच्चा निराश्रित है तो उसके पुनर्वास के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा योजनाएं संचालित की जाती हैं। उन्हें बाल संरक्षण गृहों और वन स्टॉप सेंटरों में पुनर्वास के अवसर दिए जाते हैं।
भीख मांग रहे बच्चों पुनर्वास के लिए चलाया जा रहा अभियान
वहीं बैठक में कलेक्टर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम असहाय बच्चों और भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को बचाने और उनके पुनर्वास के लिए प्रयास करें। इस अभियान में बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए। शहर के आसपास के धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक स्थानों और शिविरों में बेसहारा बच्चों की तलाश करें। इस ऑपरेशन में कई लापता बच्चों को भी उनके परिवार तक वापस लाया जाएगा। बच्चों से भीख मंगवाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करें। ऑपरेशन में बचाए गए बच्चों की शिक्षा, पोषण, आवास और उपचार की उचित व्यवस्था करना।