अमर द्विवेदी सिहावल। कहते हैं कि प्रतिभा किसी मंच की मोहताज नहीं होती अगर इंसान में कड़ी मेहनत व लगन हो तो वह किसी भी ऊंचाइयों को छू सकता है ऐसा ही कारनामा कर दिखाया जिले के सिहावल तहसील के सोनबरसा गांव में 1 अगस्त 1996 को एक गरीब व विश्वकर्मा परिवार में जन्मे बृजेश विश्वकर्मा ने जो अपनी कड़ी मेहनत व लगन के दम पर शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 2 विषय अंग्रेजी से 91.43 अंक प्राप्त करते हुए शिक्षक बनने का गौरव हासिल किया है।
शुरुआती कक्षाओं में बृजेश गांव की सरकारी स्कूल में पढ़ाई की इसके बाद वर्ष 2011 में शासकीय हाई स्कूल टीकर तहसील सिहावल से कक्षा दसवीं पास किया वहीं वर्ष 2013 में उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 सीधी से कॉमर्स विषय से कक्षा 12वीं पास किए, तत्पश्चात वर्ष 2015 में कमला कॉलेज सीधी से डी.एड. किए और फिर अंग्रेजी साहित्य से अवधेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी रीवा से वर्ष 2018 में बीए एवं वर्ष 2020 में एमए की पढ़ाई की। वहीं वर्ष 2019 में शिक्षक पात्रता परीक्षा दी जहां वर्ष 2022 में उसका परिणाम सामने आया है जहां उन्हें पूरे एमपी में 200 111 वां रैंक हासिल हुआ है। वर्तमान में शासकीय माध्यमिक शाला कुर्रवाह में अतिथि शिक्षक के तौर पर पढ़ा रहे हैं।
माता पिता के हैं बड़े संतान: – माता-पिता के तीन बच्चों में से बृजेश सबसे बड़े हैं इसके बाद इनकी बहन तथा एक छोटा भाई है, इनके पिता शंकर विश्वकर्मा लकड़ी के कुशल कारीगर है तो माता गीता विश्वकर्मा ग्रहणी है।
शुरू से थी शिक्षक बनने की चाहत: – प्रथम न्याय न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान बृजेश विश्वकर्मा ने बताया है कि शुरू से ही मुझे शिक्षक बनने की चाहत थी और इस और मेरा ध्यान था परंतु घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी लेकिन मेरे मन में भी जिद थी कि 1 दिन सफलता कदम चूमेगी इसी का परिणाम है कि आज मेरा चयन वर्ग 2 में अंग्रेजी विषय में हुआ है।
लगा बधाइयों का तांता:- उनके इस सफलता से उनके समस्त चाहने वालों शुभचिंतकों एवं परिवारजनों में खुशी है। तथा सभी ने उन्हें सोशल मीडिया एवं दूरभाष पर बधाई दी है। प्रथम न्याय न्यूज़ भी बृजेश विश्वकर्मा के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।