महुआ ने दी सीधी जिले को नई पहचान, सीधी जिले के महुआ की विदेश में डिमांड, इंग्लैंड से मिला आर्डर, विश्व में सबसे बेहतरीन महुआ सीधी का

सीधी। सीधी जिले का महुआ पूरे विश्व में सबसे टॉप क्वालिटी के महुआ में आ गया है। आमतौर पर जिस महुआ का उपयोग आदिवासी क्षेत्रो में शराब बनाने के लिए होता है ,वह अब अंतराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत पर बिक रहा है। जहा इंग्लैंड की कंपनी ने जिला प्रशासन से बात कर ली है। विदेशी कंपनी ने महुआ सैंपल की जांच की, जिसमें जरूरत के सभी पोषक तत्व मिले हैं। जल्द ही 20 टन महुआ इंग्लैंड भेजा जाएगा। गौरतलब है कि इस साल हुई खरीद में सीधी में सर्वाधिक 4650.76 क्विंटल महुआ लिया गया है।

150 स्व सहायता समूहों के साथ ग्रामीणों को दी गई ट्रेनिंग:- फारेस्ट कंपनी के डायरेक्टर दीपम और तकनीकी विशेषज्ञ अनिल पटेल करीब 1 महीने पहले सीधी आए हुए थे। ग्राम पंचायत चमराडोल में स्व सहायता समूह की महिलाओं व प्रधानमंत्री वन बंधन समिति से बात की है। अगले साल 300 टन महुआ की खरीद की जाएगी। गुणवत्तापूर्ण महुआ संग्रहण के लिए कुसमी और मझौली के 150 स्व सहायता समूह, 58 वन समिति के साथ ग्रामीणों को ट्रेनिंग दिया जाएगा।

ऐसे होगा उपयोग:- आजीविका मिशन के प्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इंग्लैंड में महुआ का उपयोग चीनी की वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में किया जाएगा। महुए से एनर्जी ड्रिंक, बिस्किट, लड्डू के साथ पौष्टिक खाद्य सामग्री निर्माण किया जाएगा।

इन शर्तों पर होगी बिक्री:- 1- नेट बिछाकर संग्रहण करना होगा। धूप से बचाने और जीरा नहीं निकालने की शर्त रहेगी।

2- महुआ को नहीं दबाने और धोने से रोकना होगा।

अच्छी कीमत और पोषण भी:- महुआ मझौली और कुसमी में रहने वाले आदिवासियों की आय का स्रोत माना जाता है। उन्हें जहां महुआ से आर्थिक मजबूती मिलती है तो खाने में भी इसका उपयोग भरपूर करते हैं। उनका मानना है कि इनके पुरखे महुआ को कई विधियों से उपयोग करते थे। इसके कारण वह गंभीर बीमारी से बचे रहते थे। वैद्य के बताए अनुसार ही वे इसका भरपूर उपयोग करते हैं।

वही पूरे मामले में क्षितिज कुमार, डीएफओ ने दी जानकारी है की इंग्लैंड की कंपनी ने 20 टन महुआ सीधी से खरीदने की का एग्रीमेंट हुआ है। सैंपल जांच में गुणवत्तायुक्त महुआ मिला है। इससे आदिवासी परिवारों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। और जल्द ही वे इसे के जाएंगे।

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