मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी 2.0 का किया शुभारंभ – कहा- आगे बढ़ो, खूब पढ़ो, देश और प्रदेश में नाम रोशन करो

उच्च शिक्षण संस्थानों में लाड़ली लक्ष्मी के प्रवेश पर पूरी फीस देगी मध्‍य प्रदेश सरकार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी 2.0 का किया शुभारंभ – कहा- आगे बढ़ो, खूब पढ़ो, देश और प्रदेश में नाम रोशन करो

कालेज में प्रवेश करने पर साढ़े 12 हजार और पढ़ाई पूरी होने पर दिए जाएंगे साढ़े 12 हजार रुपये

भोपाल। मध्य प्रदेश में सामाजिक बदलाव का जरिया बनी लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए संस्करण (2.0) का रविवार को भोपाल के लाल परेड मैदान में लाड़ली लक्ष्‍मि‍यों से खचाखच भरे मैदान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि बेटियां अब बोझ नहीं हैं। जन्म से ही लखपति हैं। अब आइआइटी, आइआइएम सहित अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए लाड़ली लक्ष्मी की पूरी फीस सरकार भरेगी। कालेज में प्रवेश करने पर साढ़े 12 हजार और पढ़ाई पूरी करने पर साढ़े 12 हजार रुपये दिए जाएंगे। उच्च शिक्षा के लिए जो भी जरूरत होगी, अब वो सरकार पूरी करेगी। अब प्रदेश में हर साल दो से 12 मई तक लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब 42 लाख 14 हजार लाड़ली लक्ष्‍मि‍यों को देखता हूं तो लगता है कि मुख्यमंत्री बनना सफल हो गया है। जब मेरी भांजियां के चेहरे पर मुस्कान आती है तो मेरी जिंदगी सफल हो जाती है। एक समय था, जब बेटियों को बोझ समझा जाता था। उन्होंने अपने गांव जैत की कहानी सुनाते हुए कि मैं बचपन में देखता था कि मां बेटे को ज्यादा प्यार करती थी। बेटा पैदा होने पर खुशियां मनाई जाती थीं। ढोल बजते थे। बधाई गाई जाती थी और बेटी पैदा होने पर ऐसा लगता था कि आफत आ गई हो। एक बहन थी, जब तीसरी बार भी बेटी हो गई तो कहा गया कि घर से निकाल दो। मैंने उस बहन की आंखों में आंसू देखे थे। तब दर्द पैदा हुआ कि ये कैसे भेदभाव हैं। बेटे को ज्यादा बेटी को कम प्यार। ये भेदभाव मेरे मन में चुभता था। सोचता था कि वो दिन कब आएगा कि बेटी को बोझ नहीं वरदान माना जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री बन गया, तब विचार आया कि अब तो बेटियों को वरदान बनाया जाए। योजना बनाई और जन्म के समय बचत पत्र देने और शिक्षा प्राप्त करने पर राशि देने की व्यवस्था बनाई। 21 वर्ष की होने पर एक लाख 18 हजार रुपये देने का प्रविधान किया। हमने योजना को पढ़ाई से जोड़ा। योजना का चमत्कार है कि आज एक हजार बेटों पर 956 बेटियां जन्म ले रही हैं।

अब योजना के नए संस्करण की शुरुआत कर रहे हैं। बेटियां बढ़ें और आगे बढ़े, इसमें कोई बाधा नहीं आने देंगे डाक्टर, इंजीनियर, वकील, पुलिस अध‍िकारी, वैज्ञानिक, शिक्षक बनने के लिए उच्च शिक्षा हासिल करनी होगी। इसमें जो खर्च आएगा, वो सरकार उठाएगी। 12 पास करके कालेज जाने पर 25 हजार रुपये अलग से देंगे। हमने तुम्हारे के लिए प्रगति के सारे द्वार खोल दिए हैं। लंबी उड़ान भरो।

लाड़ली एप ई-संवाद बनाया

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने लाड़ली एप ई-संवाद बनाया है। जब जरूरत पड़ेगी तब मामा से इसके माध्यम से बात कर पाओगी। उन्होंने माता-पिता से अपील किया कि बेटियों को पढ़ाएं, आगे बढ़ाएंगे। ये आगे बढ़कर इतिहास रचती जाएंगी। बेटियां देश और प्रदेश को आगे बढ़ाएंगी।

पुष्पवर्षा से किया लाड़ली लक्ष्‍मियों का स्वागत

मुख्यमंत्री ने समारोह में मौजूद लाड़ली लक्ष्‍मियों का स्वागत पुष्पवर्षा करके किया। इस दौरान उनके साथ फोटो खिंचवाने और हाथ मिलाने के लिए होड़ मची रही। मंच पर पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले कन्यापूजन किया।

लाड़ली लक्ष्मी सृष्टि नेगी ने दिया स्वागत भाषण

लाड़ली लक्ष्मी सृष्टि नेगी ने स्वागत भाषण में कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि हमारे मामाजी ने लाड़ली लक्ष्मी योजना से हमारे भविष्य को सुरक्षित किया है। समाज में लड़के और लड़कियों के भेदभाव को इस योजना ने समाप्त कर दिया है। हमें यह महसूस नहीं होता है कि हम किसी से पीछे हैं। हमारे जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक मामा पूरा ख्याल रखते हैं। लाड़ली उत्सव जनांदोलन के रूप में सामाजिक आंदोलन का माध्यम बनेगा।

साहसिक व्यक्ति हैं मुख्यमंत्री

महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री साहसिक व्यक्ति हैं। यह सरकारी कार्यक्रम नहीं, चेतना के परिवर्तन का कार्यक्रम है। बेटियां पहले भी बोझ नहीं थीं। बोझ हमारी सोच में थी। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने पैरों के निशान छोड़ जाते हैं, जिस पर चलने में लोग गर्व करते हैं, ऐसा ही मुख्यमंत्री ने इस योजना के माध्यम से किया है। इस दौरान लाड़ली लक्ष्मी पर जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार पुस्तिका का विमोचन किया गया।

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