विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा से अलग होकर नवगठित जिले मऊगंज की एक विधानसभा देवतालाब में दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर स्थित है जो सिर्फ एक रात में बना था महेश मंदिर को किसी इंसान ने नहीं बनाया था इस मंदिर को खुद भगवान शिव ने एक रात में बनाया था वहीं लोगों की मान्यता है कि हां जो भी आता है उसकी पूरी मनोकामना पूरी हो जाती है यहां खुद भगवान शिव हमेशा मौजूद होते हैं वहीं कई लोगों की मान्यता है कि भगवान शिव ने हर देश कर विश्वकर्मा जी से यह मंदिर का निर्माण एक रात में किया था इस मंदिर को देखने व भगवान शिव के सामने माथा टेकने पूरे देश से लोग आते हैं हाल ही में फिल्म जगत के सबसे मशहूर कलाकार श्री अमिताभ बच्चन की भी यहां आ चुके हैं।
भगवान शिव ने एक रात में बनाया मंदिर
रीवा संभाग के नवगठित जिले मऊगंज के देवतालाब में स्थित यह शिव मंदिर अपने आप में ही ऐतिहासिक रहा है इसके बारे में कई चीजे चर्चाओं में रहती हैं वहीं लोगों का मानना है क्या मंदिर भगवान शिव में खुद तैयार किया था और यह मंदिर सिर्फ एक रात में बना था क्योंकि कई लोगों का मानना है कि जब वह सुबह देखकर गए थे तो वहां पर कोई भी मंदिर नहीं था सिर्फ मूर्ति बस रखी थी वहीं कई लोग जब रात के बाद सुबह पहुंचे वहां छोटे से मंदिर का निर्माण हो चुका था उन लोगों का मानना है खुद भगवान शिव ने एक रात में मंदिर तैयार किया था।
पूरी होती है मनोकामना
यहां के लोगों का मानना है कि भगवान शिव खुद यहां हमेशा विराजमान रहते हैं यही कारण है कि जो भी भक्त यहां पर माथा टेकने आता है उसकी पूरी मनोकामना पूरी हो जाती है यह तो यहां हमेशा ही भीड़ देखने को मिल जाएगी लेकिन श्रवण के महीने में यहां लाखों भक्त आते हैं और भगवान से अपनी-अपनी मनोकामना मांगते हैं आपको बता दें वर्ष 2013 में फिल्म जगत के सबसे मशहूर कलाकार श्री अमिताभ बच्चन की भी यहां भगवान शिव को माथा टेक चुके हैं।
मंदिर के साथ बना था तालाब
भारत देश भगवानों की धरती है यहां पर द्वापर त्रेता युग से ही कई चमत्कार चले आते रहे हैं आपको बता दें इस शिव मंदिर के साथ एक ही रात में उसके पास में मौजूद तालाब भी बना था जिसके नाम से ही इस शहर का नाम देवतालब रख दिया गया था लोगों का मानना है कि मंदिर के साथ है तालाब भी अचानक ही एक रात के अंदर बनकर तैयार हो गया था कोई आपको बता दें कि यहां के जल के बिना बैजनाथ धाम की यात्रा भी पूरी नहीं होती है जो भी बैजनाथ धाम जाते हैं तो यहां का जल लेकर जरूर जाते हैं तभी उनकी यात्रा पूरी होती है।
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