रीवा रियासत में आपको राजा महाराजाओं की अद्भुत निशानियां देखने के मिल जाएंगे रीवा के गोविंदगढ़ में स्थित इस तालाब की कहानी भी काफी दिलचस्प है इसको रीवा के महाराज ने अपनी बहू के लिए बनवाया था यह इतना विशाल है आपकी नजरे जहां तक जाएगी वहां तक आपको सर पर तालाब हो दिखेगा रीवा गोविंदगढ़ का यह तालाब प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा तालाब है वहीं प्रशासन द्वारा यहां पर वाटर स्पोर्ट्स बनाया जा रहा है ताकि पर्यटक यहां आकर आनंद ले सकें।
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रीवा गोविंदगढ़ का यह विशाल अद्भुत तालाब रीवा के महाराज विश्वनाथ सिंह ने 1851 में बनाने की शुरुआत की थी तब यह सिर्फ एक झील हुआ करती थी तभी विश्वनाथ सिंह 1854 में उनकी मृत्यु हो गई जिसके बाद उनके बेटे रघुराज सिंह राजा बने उन्होंने तालाब के किनारे किले और महल का भी निर्माण कराया।
वेंकट रमन सिंह ने 1902 में इस तालाब को विस्तारित किया जहां नया तालाब है वहां कुछ साल पहले बस्ती हुआ करती थी महाराज ने उसे बस्ती को वहां से विस्थापित किया और तालाब को एक वृहद रूप दिया तब से यह तालाब काफी विशाल है और देखने में भी काफी अद्भुत है वहीं प्रशासन द्वारा इसका सौंदर्यकरण किया जा रहा है इसका काम लगभग पूरा हो चुका है।
जल्द ही रीवा का यह तालाब टूरिस्ट का केंद्र बनने वाला है यहां की खूबसूरती अपने आप में ही सबसे अधिक है और यह तालाब काफी विशाल है इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं वहीं इसमें वाटर स्पॉट बनने के बाद देश और विदेश से सेनानी यहां पर घूमने आएंगे।
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