
पहले के समय में युद्ध के लिए सबसे बड़ा हथियार तोप हुआ करती थी युद्ध के समय में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली मध्य प्रदेश की रीवा राजघराने की दर्जनों तोप आज आकर्षण का केंद्र बनी हुई है यह तोप भले ही ना चलती हूं लेकिन एक जमाने में इन टॉप के धमाकों से दुश्मनों की सेना दहल उठती थी रीवा रियासत के इन तोपों का इस्तेमाल कई युद्ध में किया जा चुका है।
लेकिन आज यह तो पर खामोशी के साथ इतिहास का हिस्सा बन गई है और अपनी आन बान शान को बयां कर रही है यहां की सबसे बड़ी व भारी तोप मुगल शैली की है इसे सम्राट अकबर ने रीवा के महाराजा श्री रामचंद्र जयदेव को रीवा राजघराने के महान संगीतकार तानसेन को मुगल दरबार में भेजने की ऐवज में दिया था।
रीवा की ये तोप हैं शान
यह तो आज भी रीवा की शान है रीवा किले के इन तोपों को देखने अब इतिहासकार व पर्यटक आते हैं इतिहासकार असद खान ने कहा है कि यह टॉप अकबर के द्वारा रीवा के राजा रामचंद्र को भेंट में दी गई थी राजा रामचंद्र ने संगीत सम्राट तानसेन को अकबर के दरबार में भेजा था इसीलिए उनको यह टॉप भेंट में मिली थी।
राज घराने के बच्चे खेलते थे तोप से
इन तोप को छोटे-छोटे बच्चे भी चलाते थे तोप यहां कुछ ऐसी है जो आकार ने बिल्कुल छोटी है इन तोपों के साथ राजघराने के छोटे बच्चे खेल करते थे जिन्हें गन पाउडर डालकर चलाया जाता था वहीं कुछ तो पर ऐसी तोप भी है जो सैनिक को प्रशिक्षण देने के काम में आती है।
इन ऐतिहासिक तोपों को आज भी किले में संभाल कर रखा गया है कभी यह टॉप युद्ध के समय दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया करती थी और आज एक किले में शांतिपूर्ण ढंग से रखी हुई है और किले की सुंदरता को बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।