विदेश मंत्रालय की पहल पर लाया गया शव:आर्मेनिया से 14 दिन बाद इंडिया पहुंची मेडिकल छात्र की लाश, शाम 4 बजे गृह ग्राम रीवा पहुंचेगा पार्थिव शरीर
विदेश मंत्रालय की पहल पर लाया गया शव:आर्मेनिया से 14 दिन बाद इंडिया पहुंची मेडिकल छात्र की लाश, शाम 4 बजे गृह ग्राम रीवा पहुंचेगा पार्थिव शरीर
आर्मेनिया देश के येरेवन शहर स्थित सेंट तेरेजा विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई करने गए छात्र आशुतोष द्विवेदी का पार्थिव शरीर 14 दिनों बाद इंडिया पहुंच गया है। मृतक छात्र के चचेरे भाई अरविंद द्विवेदी ने बताया कि दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 10 सितंबर की देर रात 2.10 बजे डेड बॉडी आई है।
दिल्ली एयरपोर्ट से निजी एंबुलेंस की मदद से लखनऊ, प्रयागराज के रास्ते रीवा जिले के त्योंथर जनपद स्थित सोहर्वा गृह ग्राम शाम 4 बजे पार्थिव शरीर पहुंचेगा। वहीं दूसरी तरफ परिजन गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी किए हुए है। कयास लगाए जा रहे है कि अंतिम दर्शन के बाद हिन्दू रीति रिवाज से क्रिया कर्म करा दिया जाएगा।
28 अगस्त को आई थी निधन की सूचना
बता दें कि आशुतोष द्विवेदी पुत्र कैलाश नारायण 27 वर्ष निवासी सोहर्वा एमबीबीएस फोर्थ ईयर की आर्मेनिया में पढ़ाई कर रहा था। 28 अगस्त को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने निधन की सूचना दी। 29 अगस्त को सांसद जनार्दन मिश्रा ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखा।
वहीं त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शव को इंडिया लाने की अपील की। सीएम ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर आर्मेनिया स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा खर्ज उठाने की बात कही थी।
एम्बाल्मिंग करके लाई जा रही लाश
भारतीय दूतावास ने आर्मेनिया से मृतक के भाई को बताया है कि लाश को एम्बाल्मिंग करके भेजा गया है। जिससे आशुतोष द्विवेदी की डेड बॉडी डीकंपोज न हो। कहा है कि लाश में एम्बाल्मिंग का लेप लगाया गया है। ऐसे में लाश सड़ती नहीं है।
दावा किया कि जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है। फिर किन्हीं कारणों से डेड बॉडी को लंबे समय तक रखा जाना हो, तो शव को सड़ने से बचाने के लिए एम्बाल्मिंग लेप को शरीर पर लगाया जाता है। इसको लगाने के बाद डेड बॉडी में बदबू नहीं आती है।
14 दिन बाद आई लाश, 35 हजार में आया एंबुलेंस
मृतक छात्र के परिजनों ने दैनिक भास्कर को बताया है कि 14 दिन बाद लाश भारत आई है। इस कार्य में विदेश मंत्रालय और आर्मेनिया स्थित भारतीय दूतावास ने पूरी मदद की है। आर्मेनिया से दिल्ली एयरपोर्ट तक का खर्चा शिवराज सरकार ने उठाया है। हमको सिर्फ दिल्ली से रीवा के एंबुलेंस का 35 हजार रुपए किराया वहन करना पड़ा है। देर से ही सही पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने पूरी मदद की है।