
Uttar Pradesh CM Yogi: मदरसा आधुनिकरण योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में मदरसा में अंग्रेजी, हिंदी ,गणित और विज्ञान जैसी सब्जेक्ट के लिए रखे गए शिक्षकों को अब प्रदेश सरकार भी अतिरिक्त मानदेय नहीं देगी शासन के निर्देश पर अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे. रीभा इसकी जानकारी जिला अल्पसंख्यक कल्याण को भेजी है आधुनिक विषयों के शिक्षक लगातार आंदोलनरत रहे पिछले दिनों अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मेंद्र सिंह ने मंडे को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा की थी
2021-22 तक थी योजना
अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की तरफ से भेजे गए लेटर में कहा गया की अतिरिक्त मदसरे को लेकर 28 नवंबर 2016 को जारी शासनदेश में यह शर्त था कि राज्य सरकार अतिरिक्त मानदेय तभी देगी जब तक केंद्र से इन शिक्षकों के मानदेय को दिया जाता रहेगा केंद्र सरकार के द्वारा मानदेय बंद किए जाने के बाद अब राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त मानदेय देने की सुविधा भी समाप्त की जाएगी इतना ही नहीं इसके बाद इस योजना के लिए वित्तीय स्वीकृति भी नहीं जारी होगी केंद्र सरकार ने इस योजना को 2021-22 के तहत ही स्वीकृति दी थी इसके बाद केंद्र ने इन शिक्षकों के लिए मानदेय भी नहीं जारी किए हैं अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड अधिकारियों से कहा गया कि इस संबंध में शासन देश के निर्देशानुसार मामले पर कार्रवाई होगी
यह थी योजना
मदरसा आधुनिकरण योजना केंद्र सरकार के द्वारा बनाई गई इसे 1993 से 94 में शुरू किया गया इसमें में हिंदी विज्ञान अंग्रेजी गणित और सामाजिक विज्ञान की विषय पढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश में करीब 25 हजार शिक्षक रखे गए थे। योजना के तहत तैनात स्नातक के पास शिक्षकों को 6000 और परास्नातक शिक्षकों को ₹12000 मानदेय दिया जाता था 2016 में राज्य सरकार ने भी इसे 2000 और 3000 रुपए प्रति महीने के अतिरिक्त मानदेय की तरफ से देने का ऐलान किया था। मतलब स्नातक शिक्षकों को 8000 और परास्नातक शिक्षकों को ₹15000 मिलते थे