सीधी जिले के युवा कवि ने लिखी ‘यह जीवन है बचपन का’ के बाद ‘यह सीधी जिला कहलाता है’ शीर्षक की दूसरी कविता
प्रथम न्याय न्यूज़। कहते हैं कि प्रतिभाएं अक्सर गांवों में निवास करती हैं और उन्हें सही समय पर सही मंच मिल जाए तो वह प्रतिभाएं उभर कर सामने आ जाती हैं। सीधी जिले की विशेषताओ एवं जिले की ऐतिहासिक धरोहरो तथा महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों का बखान करते हुए इन्हे उभरते हुए कवि अमन द्विवेदी ने कविता के रूप मे ढाल दिया है। आज इस कविता को अमन द्विवेदी ने प्रभारी संस्कृति अधिकारी एवं उपखंड मजिस्ट्रेट नीलेश शर्मा को भेट किया वहीं इस कविता को लेकर श्री शर्मा के द्वारा भी सरहना की गयी। इसके पूर्व में भी 15 वर्षीय कवि अमन द्विवेदी के द्वारा यह जीवन है बचपन का नामक कविता लिखी गई थी उसके बाद अब उनकी दूसरी कविता का शीर्षक है ‘ यह सीधी जिला कहलाता है ‘
राज्य का उत्तर-पूर्वी हिस्सा बनाता है
अपना गौरवपूर्ण इतिहास बताता है ।
प्रकृति के मनोरम दृश्य दिखलाता है
यह सीधी जिला कहलाता है ॥
सीधी जिले की है शान
यहाँ स्थित है बीरबल का जन्मस्थान ।
घोघरा देवी जो एक बार जाए
साथ मे चंडी माता का आशीर्वाद पाए ॥
है बात ये बहुत पुरानी
चंद्रेह शैव मंदिर है स्थापत्य कला की निशानी ।
प्राकृतिक सौंदर्य का यहाँ भण्डार अपार
संजय डुबरी मे गूँजे बाघो की हुंकार ॥
साल सागौन के है यहाँ प्रचुर अरण्य
यहाँ स्थित है सोन-घड़ियाल अभयारण्य ।
लोगो का सत्कार करना है यहाँ की सभ्यता
परसिली के कण-कण मे बसी है अनंत भव्यता ॥
यहाँ की संस्कृति है विशेष
उपलब्ध यहाँ पुरापाषाण के अवशेष ।
सीधी है मध्यप्रदेश का चमकीला तारा
बहती यहाँ गोपद-बनास की जलधारा ॥
सीधी के समृद्ध धरोहर की बात सबने है जानी
बहता यहाँ सोन नदी का पानी ।
सबने है बात ये मानी
भँवरसेन कहे बाणभट्ट के जन्म की कहानी ॥
लगे ये मिठास की गोली
अतिप्रिय है यहाँ की बघेली बोली ।
यहाँ चारो ओर परिदृश्य रहता हरा-भरा
सीधी है वन-सम्पदा की धरा ॥
यहाँ के जन-जन मे कला का भाव समाया
सीधी की पंजा दरी ने सभी जगह नाम कमाया ।
विभिन्न क्षेत्रो मे लोगो ने अपना स्थान बनाया
अपने खेल से सीधी ने विश्वग मे परचम लहराया ॥