सीधी जिले में ATM में फ्रॉड करने वाले आरोपी गिरफ्तार मचाई थी सनसनी

सीधी के फ्रॉड पहुंचे सलाखों के पीछे ATM के कीबोर्ड में माचिस की तीली डाल बिगाड़ देते पासवर्ड देख मदद के बहाने बदल लेते थे कार्ड 

विंध्य-महाकौशल के आधा दर्जन जिलों में ATM फ्रॉड कर लाखों रुपए की ठगी करने वाले बदमाशों की रिमांड खत्म हो गई है। ऐसे में दोनों को कोर्ट में पेशकर रीवा केन्द्रीय जेल में भेज दिया गया है। समान पुलिस की पूछताछ में दोनों शातिर बदमाशों ने फ्रॉड का अनोखा तरीका बताया है। कहा कि हम लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगे ATM के कीबोर्ड में माचिस की तीली डाल कर बिगाड़ देते थे। मतलब कीबोर्ड की एक बटन दबा देते थे।

बटन दबी होने के कारण ATM का कीबोर्ड आम दिनों की तरह काम नहीं करता, जैसा करना चाहिए। जब कोई ग्राहक बूथ के अंदर जाता। वहां पैसा न निकलने पर परेशान होता। तभी हम जल्द पैसा निकालने का बहाना करते थे। परेशान ग्राहक का पीछे से पासवर्ड देख लेते। फिर मदद के बहाने उसका एटीएम लेकर उसी बैंक का दूसरा एटीएम कार्ड सौंप देते। तुरंत पास के एटीएम में जाकर पैसान निकाल लेते। यही चैन चलती रहती थी।

एएसपी की जुबानी पूरी वारदात 

एएसपी अनिल सोनकर ने बताया कि 14 दिसंबर को समान तिराहा स्थित एटीएम में एक ग्राहक पैसा निकालने गया। वहां दो संदिग्ध व्यक्तियों को देख जान पहचान के एक युवक ने पुलिसकर्मी को सूचना दी। सूचनाकर्ता ने कहा कि दो बदमाश 20 से ज्यादा एटीएम रखे हुए है। वह विभिन्न एटीएम अदल-बदलकर डाल रहे है। पर पैसा किसी एटीएम से नहीं निकल रहा है। बदमाश शातिर प्रवृत्ति के है। वह गंभीर वारदात करने की फिराक में है। 

जानकारी के बाद समान थाना पुलिस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को घेराबंदी कर पकड़ा है। पूछताछ में एक आरोपी ने अपना नाम दिनेश साहू पुत्र लालमन साहू 26 वर्ष निवासी सलैहा थाना मझौली जिला सीधी और दूसरे ने हरिओम शुक्ला पुत्र शेषमणि शुक्ला 30 वर्ष निवासी खाम्ह थाना मझौली जिला सीधी बताया। दोनों को उठाकर पुलिस समान थाने के लिए रवाना हुई। रास्ते में बदमाश बार-बार जेब में हाथ डाल रहे थे। मतलब एटीएम फेंकने वाला था।

तब प्रधान आरक्षक वाहन से नीचे उतारा। फिर जेब चेक किया। तब दिनेश साहू के पैंट से 14 एटीएम व हरिओम शुक्ला की जेब से 13 एटीएम विभिन्न बैंकों के मिले है। ये सभी एटीएम अलग-अलग खाता धारकों व अलग-अलग बैंकों के थे। पूछताछ में बदमाशों ने फ्रॉड की कहानी पुलिस से शेयर की। कहा पहले एटीएम बूथ में जाते। फिर पीछे खड़े होकर ग्राहकों का पासवर्ड देख लेते। फिर धक्का देकर बातों ही बातों में फंसाकर एटीएम बदल लेते।

बाइक के शौकीन बदमाश 

दोनों आरोपी अपने पास हाई फाई बाइक रखते थे। जिससे 100 से 200 किलोमीटर की दूरी आसानी से कवर की जा सके। इनका नेटवर्क रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, कटनी और जबलपुर तक फैला था। वे शाम को एक शहर का चुनाव करते। सुबह बाइक से संबंधित शहर पहुंचकर भीड़भाड़ वाले एटीएम की रेकी करते। शाम होते ही अपने गृह जिले सीधी लौट जाते थे। यदि पकड़े भी गए तो जेल जाते। जमानत में छूटने के बाद फिर फ्रॉड शुरू कर देते थे। दोनों बदमाश सीधी के एक फ्रॉड केस में जेल पर बंद थे। अगस्त 2021 में जेल से छूटने के बाद फिर से ​वारदातें कर रहे है।

दोनों के गुरु फ्रॉड केस में हैदाबाद की जेल में बंद 

आरोपियों ने पुलिस को फ्रॉड सिखाने वाले गुरु की जानकारी दी। कहा, वे तेलंगाना की हैदराबाद केन्द्रीय जेल में बंद अजय साहू निवासी गंगतीर गांव थाना मझौली जिला सीधी से फ्रॉड का ककहरा सीख कर बड़े हुए है। वहीं शहड़ोल जिला जेल में बंद ब्यौहारी निवासी संस्कार पवार को ठगों का आदर्श मानते है। रोजाना एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए बजाज कंपनी की लग्जरी बाइक रखते थे। हाल ही में खरीदी बाइक पुलिस ने जब्त की है।

तलाशी में 20 हजार रुपए कैश मिले 

समान पुलिस ने 14 दिसंबर को समान तिराहे से गिरफ्तारी कर 15 दिसंबर को जिला न्यायालय में पेश किया। कोर्ट के समक्ष पुलिस ने दो दिन की न्यायिक हिरासत मांगी। जिसको अदालत ने स्वीकार किया। ऐसे में 16 दिसंबर को पुलिस आरोपियों के गृह ग्राम पहुंची। दोनों ठगों का घर देखकर पुलिस चौंक गई। ठगी के पैसे से आरोपियों ने 100 बाई 100 में शानदार घर बनवाया है। दिनेश साहू के घर से 20 हजार रुपए कैश बरामद हुए है। ओवर हाल बदमाशों ने 10 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी कबूल की है। पुलिस दोनों बदमाशों को 17 दिसंबर की शाम जेल भेज दी है। 

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