मध्य प्रदेश में सामने आये 12 जेई वायरस के मामले, जानिए क्या है रोकथाम उपचार
मध्य प्रदेश में पिछले दो महीने में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के 12 मामले सामने आए हैं। इससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। भोपाल के एक निजी अस्पताल में एक बच्चे में जेई का पता चला, जिससे इस बीमारी के फैलने की चिंता बढ़ गई। नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल के अनुसार पिछले दो महीनों में जेई के 12 मामले सामने आए हैं। इनमें से एक बच्चा है जो भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती था।
एक चिकित्सा विशेषज्ञ ने कहा कि शुरू में गलत उपचार के बाद एम्स भोपाल में बच्चे में जेई की पुष्टि हुई। उसे देखभाल और निगरानी के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस मामले पर विशेषज्ञ वेक्टर जनित बीमारियों के प्रबंधन और रोकथाम के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान कर रहे हैं।
मच्छर जनित बीमारी जेई को रोकने के लिए मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञ प्रजनन स्थलों को नष्ट या उपचारित करके लार्वा स्रोतों को कम करने जैसे उपायों पर जोर देते हैं। वे वायरस के प्रसार में भूमिका निभाते हैं। जेई प्रोटोकॉल के अनुसार, संक्रमण पाए जाने पर सूअरों को मानव आवास से दूर रखा जा सकता है।