मध्यप्रदेश में बड़े प्रशासनिक बदलाव की तैयारी, 32 IAS अधिकारियों को मिलेगी नई जिम्मेदारी
32 IAS अधिकारियों को नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना, सरकार प्रदर्शन के आधार पर करेगी पदस्थापना, स्वतंत्र कृषि उत्पादन आयुक्त और नए अध्यक्ष की होगी नियुक्ति, कई जिलों के कलेक्टर और संभागायुक्त बदले जाएंगे, प्रशासनिक सुधार के लिए नई ग्रेडिंग प्रणाली होगी लागू

मध्यप्रदेश में आगामी महीनों में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने जा रहा है। सरकार करीब 32 आईएएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारी देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, मंत्रालय के कई विभागों को स्वतंत्र अधिकारी भी मिल सकते हैं, जिससे प्रशासनिक कार्यों में अधिक दक्षता लाई जा सके।
योग्यता के आधार पर होगी पदस्थापना
सरकार इस बदलाव में पिछले एक साल के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के प्रदर्शन को प्राथमिकता देने वाली है। जिन अधिकारियों ने बेहतरीन कार्य किया है और राज्य तथा केंद्र स्तर पर सराहना प्राप्त की है, उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। वहीं, जिन अधिकारियों के कार्यों से सरकार को असुविधा हुई है, उनकी जिम्मेदारियों में बदलाव किया जाना तय माना जा रहा है।
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स्वतंत्र कृषि उत्पादन आयुक्त और नए अध्यक्ष की नियुक्ति
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में जल्द ही स्वतंत्र कृषि उत्पादन आयुक्त और कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। वर्तमान में कृषि उत्पादन आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार वन विभाग के एसीएस अशोक बर्णवाल के पास है, जबकि कर्मचारी चयन मंडल के अध्यक्ष का दायित्व सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस संजय दुबे संभाल रहे हैं। इसके अलावा, पीडब्ल्यूडी समेत 12 प्रमुख विभाग भी अस्थायी प्रभार के तहत संचालित हो रहे हैं।
कलेक्टर और संभागायुक्तों के भी बदले जाएंगे पद
प्रदेश के कई जिलों में कलेक्टर और संभागायुक्तों के स्थानांतरण की भी तैयारी है। यह बदलाव निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर किया जाएगा:
प्रशासनिक अक्षमता के कारण महत्वपूर्ण घटनाओं को न संभाल पाना
अपराध एवं माफिया गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण में असफलता
लगातार नेताओं की नाराजगी सामने आना
विपक्ष को बार-बार मुद्दे मिलने की स्थिति बनना
नई ग्रेडिंग प्रणाली लागू होगी
सूत्रों के अनुसार, सरकार अधिकारियों की पदस्थापना के लिए एक नई ग्रेडिंग प्रणाली लागू करने जा रही है। इस प्रणाली के तहत अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर उन्हें पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
इस बड़े प्रशासनिक बदलाव से प्रदेश में शासन और प्रशासन को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।