
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की जान गई, और यह पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। घटना के 24 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई, जिसमें भारत ने आतंकी पनाहगार पाकिस्तान के खिलाफ पांच निर्णायक कदम उठाए।
1. सिंधु जल समझौता निलंबित
भारत ने 1960 से लागू सिंधु जल समझौते को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि जो देश आतंकवाद को समर्थन देता है, उसके साथ पानी की साझेदारी संभव नहीं।
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2. पाकिस्तानी उच्चायोग बंद
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को बंद करने और सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। यह फैसला भारत-पाक संबंधों में नए मोड़ का संकेत है।
3. वीजा रद्द, 7 दिन में देश छोड़ने का आदेश
भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। उन्हें एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
4. अटारी-वाघा बॉर्डर पर ताला
भारत-पाक के बीच मुख्य सड़क संपर्क अटारी-वाघा बॉर्डर को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है। यह कदम सुरक्षा और निगरानी के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
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5. भारतीय उच्चायोग कर्मियों की वापसी
भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया है, जो पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक रिश्तों में गहराती खाई को दर्शाता है।
वैश्विक समर्थन में भारत
इस आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। अमेरिका, फ्रांस, जापान, जर्मनी समेत कई देशों ने हमले की निंदा करते हुए भारत के समर्थन में बयान दिए हैं। भारत अब इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक मंचों पर उठाने की तैयारी में है।