
अमर द्विवेदी सिहावल। सीधी जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर एवं तहसील सिहावल मुख्यालय से महज 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित शासकीय प्राथमिक कन्या शाला सिहावल अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रही है जिसकी स्थापना वर्ष 1950 हुई थी अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह बिल्डिंग कितनी पुरानी और किस स्थिति पर स्थित है। यह वही सिहावल है जिसने दो-दो मंत्री, कई विधायक, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत उपाध्यक्ष उगले हैं परंतु आज तक सरकारी व्यवस्था 1950 की बनी हुई बिल्डिंग की तरह जस की तस बनी हुई है।
कई बार विभाग एवं क्षेत्रीय सांसद विधायक को पत्राचार के बावजूद भी नहीं पड़ी किसी की नजर:- विद्यालय की अध्यापिका सुभिया सिंह के द्वारा मीडिया कर्मियों से अपनी बात साझा करते हुए बताया गया कि सीधी सिंगरौली सांसद एवं क्षेत्रीय विधायक को कई बार बच्चियों समेत पत्राचार कर जर्जर बिल्डिंग को लेकर जानकारी दी जा चुकी है। लेकिन आश्वासन के पोटली के अलावा आज तक कोई ठोस कदम किसी के द्वारा नहीं उठाया गया।
क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को इस विषय की जानकारी एवं पत्राचार उनके मंत्रित्व काल में भी हम बच्चियों समेत सिहावल के मिनी स्टेडियम में हो रहे वॉलीबॉल प्रतियोगिता के समय दो दो मंत्रियों के समक्ष आवेदन पत्र दिया जा चुका था। परंतु नतीजा आज भी आपके सामने यह जर्जर भवन अपनी व्यवस्था की व्यथा रो रहा है।
सीधी कलेक्टर भी कर चुके हैं इस बिल्डिंग का निरीक्षण:- सीधी जिले के तत्कलीन कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान के द्वारा इस जर्जर बिल्डिंग का निरीक्षण उनके द्वारा किया गया था और जल्द से जल्द भवन निर्माण के लिए आश्वासन दिया गया था। पर नतीजा आज तक कुछ सामने निकल कर नहीं आया।
विभाग को भी पत्राचार कर जानकारी दी जा चुकी है लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया:- मेरे द्वारा कई बार जर्जर बिल्डिंग को देखते हुए नौनिहाल बच्चियों के साथ साथ अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर पठन-पाठन कराया जा रहा है जिसकी जानकारी कई बार पत्राचार के माध्यम से अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। लेकिन समस्या का हल सामने निकलकर नहीं आया आज भी सभी की जिंदगी खतरे में डालकर पठन-पाठन कराने के लिए हम मजबूर हैं। प्रधानाध्यापिका सुभिया सिंह।
नहीं पड़ रही मामा की नजर: – सुबह के मुखिया और बच्चों के मामा शिवराज सिंह चौहान की नजर इन ननिहाल ओं की तरफ नहीं पड़ रही है जहां 72 वर्ष बीत जाने के बाद भी जनपद शिक्षा केंद्र सिहावल अंतर्गत इकलौती प्राथमिक कन्या विद्यालय है, परंतु मामा के इन भांजे-भांजियों को नवीन भवन में शिक्षा प्राप्त होने का अवसर नहीं प्राप्त हो रहा।
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा: – भवन को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि 72 वर्ष पुराना भवन कभी भी भरभरा कर गिर सकता है वही ना तो प्रशासन की नाही शासन की इस ओर नजर जा रही है।
शौचालय में हुआ है अतिक्रमण: – बातचीत के दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने जानकारी देते हुए बताया है कि विद्यालय के शौचालय में अतिक्रमण हो गया है जिसकी वजह से बालिकाओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है कई बार इस संबंध में पुलिस चौकी सिहावल एवं जनपद शिक्षा केंद्र सिहावल में लिखित रूप से आवेदन दे चुकी हूं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
भवन के सामने कचरे का अंबार: – भवन के पास पहुंचते ही लगता है कि यह कोई पाठशाला नहीं बल्कि कचरे का स्टेडियम है जिस तरह से पूरे बाजार का कचरा भवन के बगल में फेंका जाता है जिसकी वजह से बच्चों एवं शिक्षकों को बदबू की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है तथा पठन-पाठन प्रभावित होता है।
एक हैंडपंप वह भी खराब: –परेशानियों का आलम यूं ही अभी नहीं रुक रहा है शिक्षिका ने बताया कि एक हैंडपंप है वह भी काफी वर्षो से खराब पड़ा हुआ है जिम्मेदारों को सूचित की हूं परंतु क्या मजाल की कोई भी इस ओर ध्यान आकर्षित कर दें चाहे प्रतिनिधि हों चाहे प्रशासन सब अपने-अपने में मस्त हैं।
इनका कहना है: – भवन काफी जर्जर एवं पुराना है कभी भी भरभरा कर गिर सकता है इसलिए हम बच्चों की जान को खतरे में नहीं डाल सकते हैं प्रशासन को इस बारे में अवगत करा दिए हैं अब हम भवन के बाहर सड़क पर ही शाला संचालन के लिए बाध्य हैं।
शुभिया सिंह, प्रभारी प्रधानाध्यापक
शासकीय प्राथमिक कन्या शाला सिहावल