600 कॉलेजों की मॉनिटरिंग करने वाली यूनिवर्सिटी में 90 प्रतिशत पद खाली
मध्य प्रदेश के 600 कॉलेजों की मॉनिटरिंग और जांच की जिम्मेदारी संभालने वाली मेडिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी में सिर्फ 33 नियमित अधिकारी और कर्मचारी हैं। इसमें अधिकारियों की पूरी टीम प्रतिनियुक्ति पर है। 2011 में स्थापित इस विश्वविद्यालय को लगभग 10 वर्षों के बाद इस वर्ष आठ नियमित कर्मचारी मिले, फिर भी लगभग 90 प्रतिशत पद अभी भी खाली हैं।
विश्वविद्यालय में पदों की स्थिति
पदनाम |
स्वीकृत पद |
कार्यरत |
प्रशासकीय अधिकारी | 3 | 0 |
उपकुलसचिव | 77 | 5 |
सहायक कुलसचिव | 19 | 3 |
निज सचिव | 6 | 0 |
अनुभाग अधिकारी | 12 | 0 |
सहायक वर्ग-1 | 12 | 0 |
सहायक वर्ग-2 | 22 | 1 |
सहायक वर्ग-3 | 48 | 20 |
चतुर्थ श्रेणी | 52 | 0 |
विश्वविद्यालय में कुलपति और रजिस्ट्रार समेत कुल 48 स्वीकृत पद सृजित हैं। इन सभी पदों पर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्ति की जाती है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में मात्र 12 अधिकारी ही प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में लिपिक संवर्ग से संबंधित 125 पद स्वीकृत हैं। इनमें से लगभग आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाने हैं और शेष रिक्तियाँ पदोन्नति या प्रतिनियुक्ति द्वारा भरी जानी हैं। वर्तमान में मात्र 19 लिपिक ही कार्यरत हैं।
यहां स्थापना के बाद पहली बार विश्वविद्यालय ने व्यापमं के माध्यम से लिपिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की। इसमें से अब तक आठ चयनित कर्मचारियों की तैनाती हो चुकी है। इस प्रक्रिया में चयनित 15 प्रतिभागियों के पास इस महीने के अंत तक नियुक्तियाँ सुरक्षित करने का समय है। उप कुलसचिव के दो रिक्त पदों एवं सहायक कुलसचिव के 16 रिक्त पदों पर प्रतिनियुक्ति के लिए पात्र शिक्षकों एवं पदाधिकारियों से 20 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं।
मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक खंडेलवाल ने बताया की पीईबी के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाता है। संगठन पहले से बेहतर है। रिक्त पदों पर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का प्रयास किया जा रहा है।