सिहावल
होली पर कवि अमन द्विवेदी ने सामाजिक सद्भावना पर की काव्य रचना
होली पर कवि अमन द्विवेदी ने सामाजिक सद्भावना पर की काव्य रचना।
होली रंगों का पर्व है जिस प्रकार सभी उत्सवो का उद्देश्य सामजिक सद्भाव होता है उसी प्रकार रंगोंत्सव का भी यही भाव है। इसी विषय पर कवि अमन की रचना कुछ इस प्रकार है 👇
नया भरता यह पर्व जीवन मे रंग
कुछ नए लोगो का अद्भुत देता संग
रंग जो अगर हो मिलावटी तो करते बड़ा तंग
शांति सहित मनोभावो को करते भंग
रंग का चहुँओर फैलाव है
व्याप्त खुशियों का भाव है
रंग जमे ऐसा दूर हो मतभेद
नहीं रखना तनाव है
रंगों का ऐसा हो यह अद्भुत बीज
पार करें सारे मतभेदो की दहलीज
समृद्धि सामंजस्य का यह उत्सव है
उत्साह व ऊर्जा से भरता
भाव समाहित करता नव है
समृद्धि सामंजस्य का यह उत्सव है
रंगों के साथ स्नेह आता है
यह रंग नहीं आपसी प्रेम दिखाता है
क्लेश भावना त्याग सब
सामाजिक सद्भाव सिखाता है
सब मे रहे आपसी व्यवहार
यह होली का पर्व बताता है