Rewa News: मयंक की मौत हादसा या साजिश, पीएम रिपोर्ट के बाद होगा साफ, परिजनों को 4 लाख रुपए सहायता राशि मिली

Rewa News: रीवा के त्योंथर में 12 अप्रैल दोपहर 3:30 बजे 6 साल का मासूम खेत में विनिया बिनते वक्त बोरवेल के गड्ढे में गिर सूचना मिलते ही जिला प्रशासन रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल एसपी विवेक सिंह अपने दल के साथ घटनास्थल पहुंचे रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया साथ ही सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई, घटना दिनांक से लेकर 14 अप्रैल दोपहर 12:50 तक रेस्क्यू चला तब जाकर मयंक के शरीर को ढूंढा गया डॉक्टर ने मयंक का स्वास्थ्य चेक करते हुए मृत घोषित कर दिया वहीं पीएम के लिए त्यौंथर अस्पताल ले जाया गया है।
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12 अप्रैल की घटना में 14 को मिली सफलता
12 अप्रैल दोपहर 3:30 बजे मयंक आदिवासी गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था तब से लेकर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था मुख्यमंत्री मोहन यादव उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला विधायक सिद्धार्थ तिवारी सांसद जनार्दन मिश्रा कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी नीलम मिश्रा सहित कई जनप्रतिनिधियों का आना-जाना शुरू था। करीब 44 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 14 अप्रैल की दोपहर 12:50 पर प्रशासन को सफलता मिली।
मयंक के शव का कराया जाएगा पीएम
14 अप्रैल 2024 समय 12:50 पर मयंक के शव को बोरवेल के गड्ढे से निकाला गया तत्काल उसे पीएम के लिए त्यौंथर अस्पताल ले जाया गया है। पोस्टमार्टम होने के बाद पता लगाया जाएगा कि मयंक की मौत बोरवेल में गिरने से हुई है या फिर किसी साजिश का शिकार हुआ है। फिलहाल मयंक आदिवासी को 44 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से निकल गया
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मयंक के घर गांव में पसरा मातम
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शुष्क का आलम था हर जगह सन्नाटा और मातम पसरा हुआ था 14 अप्रैल को मयंक की लाश मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसर गया माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है हर कोई परेशान और मायूस दिख रहा है
सरकार ने 4 लाख रुपए की राहत राशि दी
सरकार के द्वारा मयंक आदिवासी के परिवार जनों को 4 लाख रूपए की सहायता राशि दी है। साथ ही सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया है, आपको बता दें शासन के द्वारा 44 घंटे से भी अधिक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था इसके बाद अब परिवार जनों को बड़ी राहत दी गई है