मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से शुरू होकर 19 जुलाई तक चलेगा, 3 जुलाई को पेश होगा बजट प्रस्ताव

मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से शुरू होगा। राज्य सरकार इस सत्र में 11 विधेयक लाने की तैयारी में है। बोरवेल में दुर्घटनाएं रोकने के लिए आएगा बिल। बोरवेल को खुला छोड़ने वालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। विश्वविद्यालय को मानकीकृत करने के लिए एक संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा।

राज्य सरकार विभिन्न विभागों के 11 विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। सबसे उल्लेखनीय में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एकरूपता लाने के लिए बोरवेल सुरक्षा और दुर्घटना निवारण विधेयक और विश्वविद्यालय अधिनियम संशोधन विधेयक 1973 शामिल हैं।

गौरतलब है कि एमपी में पिछले कुछ महीनों में बोरवेल को खुला रखने में हुई लापरवाही के कारण कई मासूम लोगों की जान जा चुकी है। जिसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बोरवेल खुला छोड़ने वालों की जिम्मेदारी तय करने का भी अनुरोध किया गया।

सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी

मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से शुरू होकर 19 जुलाई तक चलेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा 3 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्ताव पेश करेंगे। सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। लोकसभा चुनाव के बाद आने वाला यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सरकार सत्र के दौरान आधा दर्जन से अधिक विधेयक भी मंजूरी के लिए पेश करेगी।

नर्सिंग घोटाले का मुद्दा भी उठेगा

विधानसभा सत्र के दौरान राज्य में नर्सिंग घोटाले का मुद्दा भी उठाया जाएगा। खासतौर पर कांग्रेस ने इस मामले में खास तैयारी की है। नर्सिंग घोटाले में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस स्थगन प्रस्ताव पेश करेगी। इसलिए पार्टी ने 30 जून को विधायक दल की बैठक बुलाई है। कांग्रेस विधायकों ने भी नर्सिंग घोटाले से जुड़े कई अहम सवाल उठाए हैं। इसके अलावा विधायकों को क्षेत्र की नर्सिंग फैकल्टी और जल जीवन मिशन की रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए। जिस पर रणनीति भी तैयार की जाएगी। कांग्रेस भी इस मुद्दे पर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधियों ने कुल 4,500 प्रश्न पूछे

विधानसभा के मानसून सत्र के लिए विधायकों द्वारा प्रश्न पूछने की आखिरी तारीख 24 जून थी। आज तक, सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधियों ने कुल 4,500 प्रश्न पूछे हैं। 14 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में कुल 80 दिलचस्प मामले भी शामिल होंगे। ऐसे में विधानसभा सचिवालय सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है। वहीं, सरकार की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब भी तैयार किए जा रहे हैं। बताया गया है कि अब तक कुल 986 सवाल ऐसे हैं जिनके जवाब अभी भी लंबित हैं।

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