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शिक्षा का मंदिर बना राशलीला का अड्डा,कैमरा में कैद हुई प्रिंसिपल शिक्षिका की अश्लील हरकत,वीडियो हो रहा वायरल!

शिक्षा मंदिर में शर्मनाक घटना चित्तौड़गढ़ के स्कूल में प्रिंसिपल और शिक्षिका की हरकतें सीसीटीवी में कैद, अब राजस्थान प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है।

viral video principal teacher: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक सरकारी स्कूल की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली घटना सामने आई है। स्कूल के प्रिंसिपल और एक महिला शिक्षिका की आपत्तिजनक हरकतें कैमरे में कैद हो गईं, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। मामला उजागर होते ही स्थानीय ग्रामीणों ने दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिक्षा विभाग ने त्वरित निर्णय लेते हुए प्रिंसिपल और शिक्षिका को निलंबित कर दिया है।

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कैसे हुआ खुलासा?

सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि महिला शिक्षिका प्रिंसिपल के चेंबर में प्रवेश करती है। प्रिंसिपल पहले दरवाजे पर नजर दौड़ाता है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई देख तो नहीं रहा। इसके बाद वह महिला शिक्षिका को इशारा करता है और दोनों अनुचित हरकतें करने लगते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को सस्पेंड कर दिया और उनका मुख्यालय बदल दिया गया।

पहले भी हो चुकी थीं ऐसी घटनाएं

मामले की गहराई से जांच करने पर पता चला कि यह कोई पहली घटना नहीं थी। प्रिंसिपल और शिक्षिका के बीच ऐसी गतिविधियां पहले भी कई बार हो चुकी थीं। कहा जा रहा है कि कई बार शिक्षिका उनके चेंबर में गई और दोनों ने अनुचित व्यवहार किया। स्थानीय लोगों के अनुसार, कई और वीडियो भी सामने आए हैं, जो इस बात को साबित करते हैं।

सीसीटीवी से हुआ पर्दाफाश

स्कूल में अन्य शिक्षकों को जब इस व्यवहार पर शक हुआ तो उन्होंने प्रिंसिपल के चेंबर में गुप्त रूप से सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया। इसका पता प्रिंसिपल और शिक्षिका को नहीं लग पाया, और वे अपनी हरकतों में लिप्त रहे। जब फुटेज सामने आए, तो पूरे स्कूल और गांव में सनसनी फैल गई।

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ग्रामीणों का आक्रोश और शिक्षा विभाग की कार्रवाई

घटना सामने आते ही ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त हो गया। उन्होंने प्रदर्शन करते हुए मांग की कि ऐसे शिक्षकों को तुरंत सेवा से बर्खास्त किया जाए। शिक्षा विभाग ने फिलहाल दोनों को निलंबित कर दिया है मामले की जांच जारी है।

शिक्षा के मंदिर को बचाने की जरूरत

शिक्षा का क्षेत्र बच्चों के भविष्य निर्माण का आधार होता है। ऐसे में शिक्षकों से नैतिकता और अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षा प्रणाली की छवि खराब करती हैं बल्कि बच्चों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। प्रशासन को इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

(नोट: यह लेख केवल समाचार आधारित है और किसी की छवि खराब करने का उद्देश्य नहीं रखता।)

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