मध्यप्रदेश

MP में शराब दुकान खरीदने का सुनहरा मौका,राजधानी में 87 दुकानों के लिए ई-टेंडर प्रकिया शुरू,अभी करें बुकिंग

भोपाल की 87 शराब दुकानों के लिए आज (8 मार्च) ई-टेंडर प्रक्रिया का आखिरी दिन है। 4 समूहों में बांटी गई इन दुकानों के लिए रिजर्व प्राइस और अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट तय किए गए हैं।

MP News: भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, में शराब दुकानों की नई नीलामी प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए यह ई-टेंडरिंग प्रक्रिया 8 मार्च को समाप्त हो रही है। ठेकेदार दोपहर तक अपनी निविदाएं जमा कर सकते हैं, जिसके बाद इनका मूल्यांकन होगा। उम्मीद है कि 9 मार्च तक पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली जाएगी।

शराब दुकानों का नया समूह विभाजन

इस बार प्रशासन ने 87 शराब दुकानों को चार समूहों में बांटा है, जबकि पहले इन्हें 35 समूहों में विभाजित किया गया था। जिला आबकारी नियंत्रक एचएस गोयल के अनुसार, इन दुकानों की न्यूनतम आरक्षित कीमत 1,073 करोड़ रुपये तय की गई है।

नीलामी प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन (ई-नीलामी) संपन्न कराने की तैयारी कर ली गई है। हर समूह के लिए अलग-अलग अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) तय की गई है।

समूहों के अनुसार शराब दुकानों का वर्गीकरण

समूह 1: प्रमुख क्षेत्रों की 19 दुकानें

इन दुकानों की आरक्षित कीमत 303.17 करोड़ रुपये और ईएमडी 3.15 करोड़ रुपये तय की गई है। ये दुकानें प्रमुख क्षेत्रों में स्थित हैं, जिनमें शामिल हैं:

गोल जोड़ रोड

गेहूंखेड़ा

कोलार रोड

चूनाभट्टी

शाहपुरा

बिट्टन मार्केट

अरेरा कॉलोनी

त्रिलंगा

गुलमोहर

आरएस मार्केट

न्यू मार्केट

नेहरू नगर

नीलबड़ आदि।

समूह 2: व्यावसायिक और विकसित क्षेत्र

इस समूह की दुकानों की आरक्षित कीमत 295.41 करोड़ रुपये और ईएमडी 3.10 करोड़ रुपये है। इसमें शामिल क्षेत्र हैं:

एमपी नगर

हबीबगंज

नारायण नगर

बागसेवनिया

बाग मुगलिया

खजूरीकलां

रत्नागिरी चौराहा

पटेल नगर आदि।

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समूह 3: मध्यम व्यवसायिक क्षेत्र की 25 दुकानें

इस समूह की दुकानों की आरक्षित कीमत 264.53 करोड़ रुपये और ईएमडी 2.75 करोड़ रुपये रखी गई है।

समूह 4: बाहरी क्षेत्रों की 27 दुकानें

इस समूह की दुकानों की आरक्षित कीमत 210.73 करोड़ रुपये और ईएमडी 2.25 करोड़ रुपये तय की गई है। प्रमुख स्थानों में शामिल हैं:

पुराना किला

शाहजहांनाबाद

लालघाटी

सीहोर नाका

इंदौर रोड

बैरसिया

गुनगा

रतुआ आदि।

पिछली बार क्यों रद्द हुई थी प्रक्रिया?

पिछले साल की नीलामी प्रक्रिया सफल नहीं हो पाई थी क्योंकि 1,087 करोड़ रुपये की आरक्षित कीमत में से केवल 80% राजस्व ही प्राप्त हो सका था। इसके कारण नवीनीकरण और लॉटरी प्रक्रिया रद्द कर दी गई थी।

49 दुकानों ने 20% अधिक कीमत देकर नवीनीकरण कराया था, जिससे 56.57% राजस्व प्राप्त हुआ।

38 दुकानों के लिए लॉटरी प्रक्रिया रखी गई थी, लेकिन 10 समूहों के लिए कोई आवेदन नहीं मिला, जिससे 251.40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया आयोजित की गई है, ताकि सभी दुकानों को व्यवस्थित तरीके से आवंटित किया जा सके और राजस्व में वृद्धि हो।

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