मऊगंज में अपराध पर कसी जाएगी नकेल, पुलिस विभाग ने उठाया सख्त कदम
मऊगंज में बढ़ते अपराध पर लगाम कसने के लिए पुलिस विभाग ने नई चौकियों और थानों की घोषणा की, जिससे जिले की कानून व्यवस्था को मिलेगी नई मजबूती।

नवगठित मऊगंज जिला इन दिनों अपराध और विवादों के कारण लगातार सुर्खियों में है। जिले के अस्तित्व में आते ही हत्या, झगड़े, और हिंसा की घटनाएं सामने आने लगीं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अब प्रशासन ने कमर कस ली है।
पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी ने बताया कि जिले की पिपराही, खटखरी, भीर और हाटा पुलिस चौकियों को अब थानों में बदला जाएगा। वहीं, सीतापुर, बहेराडाबर, जड़कुड, पहाड़ी और बहुती में नई पुलिस चौकियों की स्थापना का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भेजा गया है।
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जिले में पुलिस की संख्या और संसाधन बढ़ाने की दिशा में भी ठोस पहल की जा रही है। इसके तहत विशेष सशस्त्र बल (एसएफ) की दो बटालियन की मांग की गई है, जिससे मऊगंज में कानून व्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।
इन घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
मऊगंज जिले में घटित कुछ घटनाएं जो प्रशासन के लिए सिरदर्द बनीं:
शिखा हत्याकांड
बरांव पुलिस पिटाई कांड
देवरा महादेवन अतिक्रमण विवाद
शाहपुर क्षेत्र का गडरा हिंसा कांड
सीमांकन के दौरान तहसीलदार पर हमला
वृद्ध दंपत्ति की रहस्यमयी हत्या
नशे के अवैध कारोबार और सीमा पर मारपीट
खजुरहन मंदिर की वक्फ बोर्ड से जुड़ी भूमि विवाद
मऊगंज की उत्तर और पूर्वी सीमाएं उत्तर प्रदेश से लगती हैं, जिससे अपराधियों को सीमा पार भागने में आसानी होती है। सीमावर्ती इलाकों में पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद सीमित है—यहां तक कि संवेदनशील मानी जाने वाली पिपराही चौकी पर मात्र एक पुलिसकर्मी तैनात है।
मुख्यमंत्री की संभावित घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन यादव मई के अंतिम सप्ताह में देवतालाब क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। इस दौरान वे थानों, चौकियों और एसएफ बटालियन जैसी बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं। स्थानीय प्रशासन को उम्मीद है कि इन कदमों से जिले में कानून व्यवस्था को नया बल मिलेगा और मऊगंज को सुरक्षित और शांतिपूर्ण जिला बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी।