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छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 9 बच्चों की मौत, सरकार ने रोक लगाई – जांच में नए खुलासे

संदिग्ध दवाओं की सप्लाई कई जिलों और राज्यों तक फैली, प्रशासन ने उत्पादन बंद करने के दिए आदेश

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। संदिग्ध कफ सिरप पीने से अब तक 9 बच्चों की मौत हो चुकी है। हाल ही में 6 बच्चों की मौत दर्ज हुई थी और 3 अक्टूबर को 3 और बच्चों की जान चली गई।

जांच में सामने आया है कि जिन सिरप – कोल्ड्रिफ (Coldrif) और नेक्सा डीएस (Nexa DS) – को प्रशासन ने बैन किया है, वे सिरप सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस में लिखे जा रहे थे। यह भी आशंका जताई जा रही है कि इन सिरप की सप्लाई सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों और अन्य राज्यों में भी हो सकती है।

चुनिंदा डॉक्टरों के पर्चे पर ही लिखी जा रही थी दवा

ये सिरप आम दवाओं की तरह हर जगह उपलब्ध नहीं थीं। केवल चुनिंदा बाल रोग विशेषज्ञ ही अपने निजी क्लीनिक से इन दवाओं को पर्चे पर लिख रहे थे, और इन्हें पास के कुछ मेडिकल स्टोर्स से ही खरीदा जा सकता था।

अन्य राज्यों में भी फैला नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, इन सिरपों की सप्लाई छिंदवाड़ा के अलावा पांढुर्णा, सिवनी, बैतूल और बालाघाट तक होने की आशंका है। ड्रग इंस्पेक्टर ने इस संबंध में रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।

सरकार ने उठाए सख्त कदम

घटना के बाद राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को पत्र लिखा है, ताकि इन दवाओं का उत्पादन तुरंत रोका जा सके। अभी तक 13 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।

सिरप का बैकग्राउंड

कोल्ड्रिफ (Coldrif) : 20 साल से बाजार में उपलब्ध, कीमत 89 रुपये।

नेक्सा डीएस (Nexa DS) : एक साल पहले लॉन्च हुई, कीमत 75 रुपये।

सप्लाई का चौंकाने वाला आंकड़ा

स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, ड्रग इंस्पेक्टर ने एक गोदाम से 170 बोतलें जब्त की हैं। वहीं, हर महीने करीब 600 बोतलों की सप्लाई होने का अनुमान है।

प्रशासनिक जांच जारी

छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा ने बताया कि वे लगातार जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आखिर यह खतरनाक सिरप और कहां सप्लाई हुआ है।

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