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सीधी जिले के वरिष्ठ पत्रकार के भतीजे का 8 वर्ष की उम्र में दुःखद निधन स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल

सीधी जिला तो वैसे हमेशा ही सुर्खियों में रहता है लेकिन एक ऐसा आज मामला सामने आया है जिसको लेकर हर कोई हतप्रभ है जहां पर एक 8 वर्षीय बच्चे की मृत्यु हो गई।

16 दिन चली जिंदगी और मौत की जंग:- सीधी जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं पोल खोल पोस्ट की ब्यूरो राजू गुप्ता के भतीजे प्रिंस गुप्ता की जबलपुर में इलाज के दौरान 16 वे दिन मौत हो गई प्रिंस ने अपनी जिंदगी के लिए 16 दिन तक वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ी परंतु वह अपनी जिंदगी की जंग हार गया। जैसे ही इस दुखद घटना के संबंध में जानकारी हुई पूरे पत्रकार जगत एवं क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

1 वर्ष में 2 बच्चों को मां बाप ने खोया:- प्रिंस गुप्ता पिता सुनील गुप्ता उम्र 8 वर्ष जो कुछ दिन पहले ठीक था परंतु अचानक मौसम के बदलते ही उसके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी जिसको लेकर परिजनों ने के द्वारा रीवा संजय गांधी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया परंतु वहां पर बेहतर उपचार ना मिलने की वजह से जबलपुर ले जाया गया जहां 16 दिन प्रिंस गुप्ता की मौत हो गई। ऐसी ही परिस्थिति में 1 वर्ष पूर्व प्रिंस के बहन की भी मौत हो गई थी अपने मां-बाप को दोनों भाई बहन छोड़कर इस दुनिया से चले गए।

सीधी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल: – अगर आपको अपनी मृत्यु को बुलाना है तो आप और कहीं नहीं सीधे जिला चिकित्सालय सीधी चले जाइए वहां पर मृत्यु आपकी इंतजार हमेशा करती रहती है हम यूं ही नहीं कह रहे हैं वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था कह रही है जहां पर आए दिन मरीजों को न तो समय पर बेड मिलता है और ना ही दवाई और अगर मिल भी गया तो भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर नहीं मिलते ऐसे में लोग दवा कराने जाएं तो कहां जाएं।

नाम मात्र का है आयुष्मान योजना: – प्रदेश की सरकार एवं क्षेत्रीय सांसद यह दम भरते नहीं थकते की आयुष्मान योजना का लाभ कहीं भी कभी भी मिलता है परंतु अगर धरा पटल पर देखा जाए तो वास्तविकता कुछ और ही निकल कर आती है सीधी जिले में किसी भी प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ लोगों को नहीं मिलता है परंतु अगर किसी कार्यक्रम में सांसद या विधायक पहुंचेंगे तो सबसे पहले आयुष्मान कार्ड योजना के बारे में ही डींगे हांकेंगे।

अपने बेटे को हुआ जुखाम तो भाग गए लेकर दिल्ली:  हाल ही में सीधी जिले के वरिष्ठ प्रतिनिधि के बेटे को जुखाम जैसी समस्या हो गई थी जिसको लेकर वह सीधी रीवा या भोपाल नहीं सीधे दिल्ली लेकर पहुंचे और अपने बेटे का उपचार कराया ऐसे में अगर लोगों के पास पैसा नहीं है और सुविधा नहीं है तो सभी का हाल प्रिंस गुप्ता जैसे ही होगा।

सोन नदी के जोगदह घाट पर अंतिम संस्कार:- सोन नदी के जोगदह घाट पर पुल के पास प्रिंस का अंतिम संस्कार किया गया।

 

 

 

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