मध्यप्रदेश के इन जिलों को मिलाकर बनेगा एक नया स्मार्ट शहर, मिलेगी यह सुविधाएं
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की योजना में 5 जिलों को शामिल कर 8791 वर्ग किमी क्षेत्र में आवास, परिवहन, पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण के साथ आधुनिक शहरी विकास की रूपरेखा तैयार की गई है।

भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन का भविष्य अब और भी सुनियोजित और आधुनिक बनने जा रहा है। राजधानी भोपाल सहित पांच जिलों को मिलाकर कुल 8,791 वर्ग किलोमीटर का विस्तृत क्षेत्र ‘महानगर क्षेत्र’ के रूप में चिह्नित किया गया है। इस क्षेत्र में लगभग 75 लाख लोगों के लिए आवास, परिवहन और रोजगार के नए अवसर विकसित किए जाएंगे।
ये जिले होंगे शामिल
भोपाल के साथ-साथ रायसेन, विदिशा, सीहोर, और राजगढ़ जिलों के प्रमुख नगर और कस्बे मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का हिस्सा होंगे। इसमें रायसेन, औबेदुल्लागंज, विदिशा, गुलाबगंज, सीहोर, आष्टा, ब्यावरा, नरसिंहगढ़ जैसे इलाके शामिल हैं।
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सेटेलाइट टाउन और स्मार्ट कनेक्टिविटी का प्लान
इस योजना में नए सेटेलाइट टाउन विकसित किए जाएंगे जहां अतिरिक्त आबादी को बसाया जाएगा। खास बात ये है कि ये नए आवासीय क्षेत्र शहरी भीड़ से हटकर ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे। लोगों को आसानी से अपने कार्यस्थलों तक पहुंचाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी मजबूत किया जाएगा।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
रीजन में नए टूरिस्ट सेंटर और ट्रैवल सर्किट बनाए जाएंगे, जिससे पर्यटन और स्थानीय रोजगार दोनों को मजबूती मिलेगी। साथ ही, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, पर्यावरण संरक्षण और कृषि भूमि को सुरक्षित रखने की दिशा में भी विशेष प्रयास होंगे।
विकास की रूपरेखा कुछ इस तरह होगी
क्षेत्रीय विकास के अनुसार योजनाएं
मुख्य कनेक्टिविटी और सड़क नेटवर्क
विकास केंद्र और उद्योग क्षेत्रों की पहचान
पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध
कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत बुनियादी ढांचे का विस्तार
भविष्य की नींव रखी जा चुकी है
बीडीए द्वारा इस परियोजना के डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के लिए कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसे आगामी माह में अंतिम रूप दिया जाएगा। 14 माह में यह रिपोर्ट तैयार हो जाएगी, जिसके बाद विकास कार्य धरातल पर उतरेंगे।
संभावनाओं से भरा नया भोपाल
संभागायुक्त संजीव सिंह के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन रीजन का प्रारंभिक नक्शा तैयार हो चुका है और अब इसे एक ठोस योजना के तहत लागू किया जाएगा। इससे भोपाल और आसपास के क्षेत्र न सिर्फ आधुनिक रूप लेंगे, बल्कि रोजगार, आवास और पर्यटन के नए आयाम भी खुलेंगे।