राजनीति

TMC में सत्ता संग्राम: दिल्ली में अब अभिषेक बनर्जी की कमान, ममता बनर्जी की नई राजनीतिक रणनीति

कल्याण-सुदीप को हटाकर TMC ने अभिषेक बनर्जी को सौंपी दिल्ली की जिम्मेदारी, ममता और अभिषेक के बीच सुलह से बनी नई टीम

पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) के भीतर घमासान और गहराता जा रहा है। पार्टी में अंदरूनी उठापटक अब खुले मंच पर दिखने लगी है और इसका असर सीधे दिल्ली की राजनीति पर पड़ा है।

पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एक बड़ी सर्जरी करते हुए अपने भतीजे और युवा नेता अभिषेक बनर्जी को संसदीय दल की कमान सौंप दी है। इसके साथ ही एक नई टीम भी बनाई गई है, जो दिल्ली की सियासत में TMC की छवि सुधारने के मिशन पर काम करेगी।

12 मिनट की मीटिंग में बड़ा फैसला

TMC की आंतरिक राजनीति में यह बदलाव उस समय आया जब ममता बनर्जी ने केवल 12 मिनट की वर्चुअल मीटिंग में बड़े फैसले ले लिए। मीटिंग के दौरान यह तय किया गया कि कल्याण बनर्जी को चीफ व्हिप के पद से हटाया जाएगा और सुदीप बंद्योपाध्याय को संसदीय दल के नेता के पद से भी हटा दिया जाएगा। अब यह जिम्मेदारी पूरी तरह से अभिषेक बनर्जी के पास रहेगी।

अभिषेक बनर्जी का बढ़ता प्रभाव

TMC सूत्रों की मानें तो इस घटनाक्रम को पार्टी के अंदर अभिषेक बनर्जी गुट की जीत माना जा रहा है। अभिषेक लंबे समय से चाहते थे कि कल्याण और सुदीप को हटाया जाए।

सोशल मीडिया पर कल्याण बनर्जी के कुछ विवादित बयानों के बाद यह फैसला और तेजी से लिया गया। माना जा रहा है कि यह बदलाव न सिर्फ पार्टी में अनुशासन स्थापित करने की कोशिश है, बल्कि दिल्ली में पार्टी की भूमिका को नया आकार देने का प्रयास भी है।

ममता-अभिषेक के बीच सुलह और नई समझ

काफी समय से ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच मतभेद की खबरें चर्चा में थीं। लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि दोनों के बीच एक नया राजनीतिक समझौता हो चुका है। इसके तहत ममता बनर्जी राज्य की राजनीति और मुख्यमंत्री पद पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेंगी, जबकि अभिषेक दिल्ली की राजनीति, INDIA गठबंधन से समन्वय और अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार की जिम्मेदारी निभाएंगे।

कल्याण बनर्जी का नाराजगी भरा जवाब

अपनी पद से बर्खास्तगी पर कल्याण बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “जिन सांसदों को दीदी ने चुना है, वे संसद आते ही नहीं। मैं क्या करूं? मेरी क्या गलती है?” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाने के बावजूद उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

भविष्य की राह

TMC के इस नए सियासी समीकरण से स्पष्ट है कि ममता बनर्जी ने 2026 के विधानसभा चुनावों और 2029 की राष्ट्रीय राजनीति को ध्यान में रखते हुए अब पार्टी को दो हिस्सों में बांट दिया है—राज्य और केंद्र। जहां ममता बनर्जी बंगाल पर फोकस करेंगी, वहीं अभिषेक बनर्जी दिल्ली में पार्टी की धार को तेज करेंगे।

इस सियासी सर्जरी से यह भी साफ हो गया है कि TMC अब खुद को न सिर्फ बंगाल की पार्टी, बल्कि एक राष्ट्रीय विकल्प के तौर पर पेश करने की कोशिश में जुट गई है। ऐसे में अभिषेक बनर्जी की भूमिका आने वाले महीनों में बेहद अहम होने वाली है।

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