MP में पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के तबादले: नियमों की अनदेखी पर प्रशासन ने लिया कड़ा कदम
भगवत सिंह धनगर, नरेंद्र बचोतिया, योगेंद्र सक्सेना, धर्मेंद्र कुशवाह, नासिर उद्दीन, महेश बंकरिया, मंगलेश खंडेलवाल, प्रियंका सिलावट और अभिषेक शर्मा

भोपाल जिले में लंबे समय से एक ही हल्के और तहसील में जमे पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के खिलाफ आखिरकार प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। हाल ही में जारी आदेश के तहत 33 पटवारियों और 4 राजस्व निरीक्षकों का तबादला किया गया, जिन्हें अब एक तहसील से दूसरी तहसील में भेजा जाएगा। इस कदम का समर्थन सांसद आलोक शर्मा ने भी किया है, जिन्होंने करीब 8 महीने पहले इस मुद्दे को प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप के सामने उठाया था।
वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों पर कार्रवाई केवल कुछ ही की गई है। सांसद आलोक शर्मा ने जो 183 कर्मचारियों की सूची कलेक्टर को दी थी, उनमें से कई पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक, हुजूर और बैरसिया तहसील में 84-84 पटवारी और कोलार में 15 पटवारी तीन साल से ज्यादा समय से एक ही हल्के में जमे हुए थे।
आलोक शर्मा द्वारा दी गई सूची में कई ऐसे नाम शामिल हैं, जो 15 से 23 वर्षों से एक ही तहसील में पदस्थ हैं। इन नामों में प्रमुख हैं भगवत सिंह धनगर, नरेंद्र बचोतिया, योगेंद्र सक्सेना, धर्मेंद्र कुशवाह, नासिर उद्दीन, महेश बंकरिया, मंगलेश खंडेलवाल, प्रियंका सिलावट और अभिषेक शर्मा। हालांकि, कुछ नाम अभी भी हाल ही में जारी लिस्ट में शामिल किए गए हैं, और वे अब भी स्थानांतरित नहीं हुए हैं।
कानूनी रूप से, पटवारियों को तीन साल में एक हल्का बदलने का नियम है, जबकि तहसील पदस्थापन की अवधि पाँच साल होती है। इसके बावजूद भोपाल जिले में कई कर्मचारी इस सीमा को पार कर 8 से 23 साल से एक ही जगह पर जमे हुए थे। इसके अलावा, यह भी सामने आया है कि कुछ पटवारी वल्लभभवन के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त कर फिर से पुराने हल्के में पदस्थ हो जाते थे।
अब प्रशासन ने कड़ा कदम उठाकर इन कर्मचारियों की लापरवाही को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।