रीवाक्राइम ख़बर

रीवा में शिक्षा पर हमला: स्कूल में घुसकर प्राचार्य से मारपीट, लूट और धमकी का सनसनीखेज मामला

प्राचार्य ने सुलझाया विवाद, मगर झेलनी पड़ी जानलेवा सजा; शिक्षकों और बेटे को भी पीटा, कैश लूटकर फरार हुए हमलावर

रीवा, मध्यप्रदेश: शिक्षा का मंदिर उस वक्त जंग का मैदान बन गया, जब रीवा जिले के बिछिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर स्थित राजहंस शिशु विद्यालय में कुछ युवकों ने प्राचार्य पर जानलेवा हमला कर दिया। स्कूल में पुराने विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे प्राचार्य रमेश मिश्रा को बुरी तरह पीटा गया। हमले में घायल प्राचार्य को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

पुराने छात्र विवाद से भड़की हिंसा

प्राचार्य मिश्रा के मुताबिक, कुछ दिन पहले छात्र अमन शर्मा का अन्य लड़कों से विवाद हुआ था। उसी मामले में मंगलवार को नितिन सेन, योगेश साकेत, देवेश साकेत और प्रशांत साकेत स्कूल में पहुंचे और अमन के बारे में पूछताछ करने लगे। प्राचार्य ने उन्हें स्कूल से बाहर जाने को कहा, लेकिन वे उल्टा गाली-गलौज पर उतर आए।

बुला लिए हथियारबंद हमलावर

बात बढ़ती गई और चारों युवकों ने फोन कर अपने अन्य साथियों को बुला लिया। थोड़ी देर में विकास साकेत, राहुल साकेत, रियान पटेल और आकाश पीटीएस डंडों से लैस होकर स्कूल में घुस आए और प्राचार्य पर टूट पड़े। उनके सिर और हाथों में गंभीर चोटें आईं।

बेटे और शिक्षकों को भी नहीं बख्शा

बीच-बचाव में आए प्राचार्य के बेटे राज मिश्रा की पीठ में चोट लगी। वहीं, शिक्षक कृष्णा सेन और अर्पित नामदेव ने किसी तरह स्थिति संभाली और हमलावरों को खदेड़ा। जाते-जाते हमलावर धमकी देकर निकले – “ज्यादा प्रिंसिपलगीरी की तो जान से हाथ धो बैठोगे।

स्कूल से कैश भी लूटा

प्राचार्य का यह भी आरोप है कि हमले के दौरान हमलावर स्कूल के कैश काउंटर से नकदी भी लूटकर ले गए। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कितनी रकम लूटी गई।

पुलिस ने दर्ज किया केस

बिछिया थाना प्रभारी मनीषा उपाध्याय ने जानकारी दी कि इस गंभीर घटना पर 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। नितिन सेन और योगेश साकेत समेत सभी आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश तेज़ कर दी गई है।

शिक्षा का मंदिर एक बार फिर अपराधियों के निशाने पर है। यह घटना न केवल एक स्कूल बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। अब सवाल यह है कि क्या शिक्षक अब सुरक्षित रह पाएंगे, या ‘सच’ बोलने की सजा यूं ही मिलती रहेगी।

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