बीजेपी ने सख्त अनुशासन के साथ पार्टी विरोधी नेताओं के खिलाफ उठाए कड़े कदम.!
पार्टी की छवि बचाने के लिए भाजपा ने नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए, अनुशासनहीनता को किया नकारा

मध्यप्रदेश भाजपा ने हाल ही में पार्टी और सरकार की छवि को खराब करने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भाजपा ने यह संदेश स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह कोई भी नेता क्यों न हो। पार्टी ने इस बार अपनी नीति में कड़ा रुख अपनाते हुए दो विधायकों, महापौर और पूर्व जिला अध्यक्ष के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
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बीजेपी ने लिया कड़ा एक्शन
सतना के पूर्व जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उन पर महिला से छेड़छाड़, अश्लील चैट और जान से मारने की धमकी देने के आरोप थे। इसके अलावा, सागर की महापौर संगीता सुशील तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जबकि प्रदीप पटेल और प्रीतम लोधी जैसे विधायकों से भी सफाई मांगी गई है।
पार्टी ने अनुशासन पर जोर दिया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर नहीं चलेगी। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की है कि वे पार्टी के दिशा-निर्देशों का पालन करें और पार्टी की नीति के खिलाफ कोई भी बयानबाजी या गतिविधि नहीं करें।
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कई विवादों से जुड़ी शिकायतें
प्रदीप पटेल ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने की धमकी देने के खिलाफ विरोध जताया, वहीं लता सकवार ने पार्टी पार्षदों के बीच विवाद खड़ा किया। प्रीतम लोधी ने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को ‘लट्ट मंत्री’ कहकर विवाद को जन्म दिया। संगीता तिवारी ने महापौर परिषद में बदलाव किए, जिससे कुछ पार्षद नाराज हो गए। इन घटनाओं ने भाजपा संगठन को असंतुष्ट किया है, और इसके बाद पार्टी ने इन नेताओं से जवाब तलब किया है।
भाजपा का सख्त संदेश
इस कदम के बाद भाजपा ने साफ संदेश दिया है कि पार्टी के भीतर किसी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह पार्टी की छवि और प्रभाव को बनाए रखने के लिए जरूरी था।