चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर देशभर में भक्ति और श्रद्धा की लहर है। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में स्थित घोघरा देवी मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महान मुगल दरबारी बीरबल की जन्मस्थली है। यही वजह है कि यह मंदिर केवल एक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि इतिहास और संस्कृति का जीवंत प्रतीक भी है।
रामनवमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कमर्जी पुलिस ने मंदिर परिसर में विशेष साफ-सफाई अभियान चलाया। इस पहल का नेतृत्व थाना प्रभारी पवन सिंह ने किया। उनके साथ पुलिसकर्मियों और स्थानीय ग्रामीणों ने मिलकर मंदिर प्रांगण को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाया। मंदिर की सीढ़ियों, गलियारों और आसपास के क्षेत्र में सफाई कर श्रद्धालुओं को एक स्वच्छ वातावरण प्रदान किया गया।
थाना प्रभारी पवन सिंह ने कहा कि धार्मिक स्थलों की स्वच्छता हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। “रामनवमी के मौके पर बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं, ऐसे में हमारी प्राथमिकता है कि उन्हें साफ-सुथरा और शांतिपूर्ण माहौल मिले,” उन्होंने कहा।
स्थानीय निवासियों ने इस अभियान की सराहना की और कहा कि पुलिस प्रशासन का यह योगदान समाज में नई सोच और सकारात्मकता लाता है। यह सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि सामूहिक सहयोग और सामाजिक सहभागिता की मिसाल है।
यह पहल स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को भी मजबूती देती है और बताती है कि जब प्रशासन और आम जनता मिलकर कार्य करते हैं, तो हर कार्य सफल होता है। मां चंद्रिका के इस पवित्र धाम पर हुई यह स्वच्छता मुहिम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन सकती है।
घोघरा देवी मंदिर और मां चंद्रिका
सीधी जिले के घोघरा गांव में स्थित यह प्राचीन मंदिर, मां चंद्रिका देवी को समर्पित है। यह स्थान सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यही वह स्थल है जिसे बीरबल की जन्मस्थली भी माना जाता है।
यहां हर साल चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। लोग मानते हैं कि मां चंद्रिका की सच्चे मन से की गई पूजा हर संकट को दूर करती है।
मां चंद्रिका से जुड़ी लोक मान्यताएं
मां चंद्रिका को दुष्टों का नाश करने वाली और भक्तों को वरदान देने वाली देवी माना जाता है। कई लोगों का मानना है कि मंदिर का परिसर चमत्कारी है और वहां सच्चे मन से मांगी गई मुरादें पूरी होती हैं।यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक शांति का अद्भुत संगम है।
बीरबल कौन थे
बीरबल, जिनका असली नाम महेश दास था, मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में से एक थे। वे अकबर के दरबार में सलाहकार, कवि, और सबसे अधिक प्रसिद्ध — हाजिरजवाब और बुद्धिमान दरबारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी बुद्धिमत्ता की कहानियाँ आज भी भारत में बड़े चाव से सुनाई जाती हैं, खासकर बच्चों को
बीरबल का जन्मस्थान
ऐसा माना जाता है कि बीरबल का जन्म मध्य प्रदेश के सीधी जिले के घोघरा गांव में हुआ था। यह स्थान अब घोघरा देवी मंदिर के कारण भी प्रसिद्ध है। हालांकि उनके जन्म को लेकर कई अलग-अलग मान्यताएँ भी हैं, लेकिन सीधी जिले के घोघरा को प्रमुख जन्मस्थली माना जाता है।