CM मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के लिए कर दी यह बढ़ी घोषणा,राज्य के लिए सरकार ने उठाया यह कदम! MP News
इंदौर को ग्रीन सिटी बनाने की दिशा में बड़ा कदम मध्य प्रदेश सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बड़ा कदम उठाया है,सीएम मोहन के नेतृत्व में राज्य में ग्लोबल वार्मिंग को रोका जाएगा।

MP News: इंदौर को ग्रीन सिटी बनाने की दिशा में बड़ा कदम मध्य प्रदेश सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग को लेकर बड़ा कदम उठाया है,सीएम मोहन के नेतृत्व में राज्य में ग्लोबल वार्मिंग को रोका जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर शहर के तापमान को 4 डिग्री सेल्सियस तक कम करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस योजना के तहत शहर में हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण सुधार के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
शहर को हरा-भरा बनाने की योजना
राज्य के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इस पहल की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इंदौर को न केवल स्वच्छ बल्कि पर्यावरण-अनुकूल शहर बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में 2.5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इससे न केवल तापमान में कमी आएगी बल्कि शहर की हवा भी शुद्ध होगी।
सुनियोजित शहरी विकास की दिशा में कदम
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट की योजना बनाई जा रही है, जिससे शहरों में यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जा सके। अंडरब्रिज और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि नागरिकों को सुगम परिवहन सुविधाएं मिल सकें।
निवेश और विकास को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीतियों को और अधिक सुविधाजनक बना रही है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए 1 लाख करोड़ रुपए के ट्रस्ट फंड से मध्य प्रदेश को अधिकतम लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इस फंड का उपयोग शहरी विकास और पर्यावरण सुधार में किया जाएगा, जिससे न केवल प्रदेश बल्कि निवेशकों को भी लाभ होगा।
पर्यावरण संरक्षण में जनभागीदारी का महत्व
इंदौर की स्वच्छता की सफलता में नागरिकों की भागीदारी अहम रही है, और अब पर्यावरण संरक्षण में भी लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने की योजना है। सरकार चाहती है कि हर नागरिक वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाए।
इंदौर को एक हरित और स्वच्छ शहर बनाने की यह पहल न केवल पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगी बल्कि शहरवासियों के जीवन स्तर में भी सुधार लाएगी। आने वाले वर्षों में यह योजना इंदौर को देश के सबसे पर्यावरण-अनुकूल शहरों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।