एक्शन में CM मोहन यादव,14 अधिकारियों पर गिरी गाज हो गए सस्पेंड
मुख्यमंत्री की 'समाधान ऑनलाईन' सुनवाई से मिला इंसाफ आमजन को मिला न्याय, अफसरों पर गिरी गाज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “समाधान ऑनलाइन” के तहत विभिन्न जिलों से आई 14 शिकायतों की सीधी सुनवाई कर लोगों को राहत दिलाई। इन शिकायतों में प्रशासनिक लापरवाही, योजनाओं में गड़बड़ी और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने जैसे गंभीर मामले शामिल थे। मुख्यमंत्री द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही से पीड़ितों को न्याय मिला और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए।
पांढुर्णा: श्रीमती कलावती हिंगवे को मनरेगा योजना के तहत मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ था। जांच में दोषी पाए गए ग्राम रोजगार सहायक को हटाया गया, पंचायत सचिव को निलंबित किया गया और इंजीनियरों पर भी कार्रवाई की गई।
मुरैना: ब्रह्मलाल सिंह के नामांतरण में देरी पर नायब तहसीलदार को नोटिस और पटवारी पर कार्रवाई की गई।
उमरिया: दिव्यांग पेंशन में देरी पर तीन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई, जिसमें वेतन रोकना और आर्थिक दंड शामिल है।
नीमच: वनाधिकार प्रमाणपत्र में त्रुटि से वंचित लालाराम भील को अब 9.28 लाख की राशि दी गई।
भिंड: छात्रवृत्ति में देरी पर क्षेत्र संयोजक पर कार्रवाई हुई और निलंबित जिला संयोजक पर अतिरिक्त आरोप जोड़े गए।
बैतूल: किसान अनोखीलाल यादव की शिकायत पर शाखा प्रबंधक के खिलाफ FIR कर वसूली की गई।
निवाड़ी: आवास योजना की राशि गलती से दूसरे खाते में जाने पर सही लाभार्थी को राशि लौटाई गई।
रायसेन: बीमा राशि दिलाने पर बैंक मैनेजर की स्वयं गांव जाकर मदद करने के लिए मुख्यमंत्री ने सराहना की।
नर्मदापुरम: नल-जल योजना पूरी होने के बावजूद पानी न मिलने पर कार्रवाई प्रक्रिया में है, जल्द ही 9 नलकूप खोदे जाएंगे।
धार: विवाह प्रमाण पत्र न मिलने पर पंचायत सचिव निलंबित व अर्थदंड लगाया गया।
शहडोल: अक्षय लाल कोल को अत्याचार अधिनियम के तहत सहायता राशि मिलने में देरी पर जांच शुरू।
छात्रा प्रभा कनिका को छात्रवृत्ति देने में लापरवाही पर शिक्षकों व अधिकारियों को नोटिस व वेतनवृद्धि रोकी गई।
सतना: गेहूं उपार्जन का भुगतान न होने पर जिला प्रबंधक निलंबित, तीन आउटसोर्स कर्मचारी बर्खास्त।
जानकी दास को विवाह सहायता योजना की राशि मिलने में देरी पर दोषी कर्मचारी पर विभागीय जांच शुरू।
निष्कर्ष और सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की “समाधान ऑनलाइन” पहल से प्रदेश के आम लोगों को न केवल त्वरित न्याय मिल रहा है, बल्कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं। इससे सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता और भरोसा दोनों मजबूत हो रहे हैं।