CM मोहन यादव का ऐलान,अब लाडली बहनों को मिलेगा 3000 रुपए हर माह
मुख्यमंत्री मोहन यादव का ऐलान—लाड़ली बहनों को हर माह ₹3000 तक की सहायता, महिलाओं के स्टार्टअप को बढ़ावा और 464 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सारणी में आयोजित एक विशाल जनसभा में महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना के तहत वर्तमान में दी जा रही ₹1250 मासिक सहायता को आने वाले पाँच वर्षों में बढ़ाकर ₹3000 कर दिया जाएगा। यह कदम राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाने की दिशा में सरकार की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी लाड़ली बहनों के जीवन में खुशियाँ भरना ही हमारा संकल्प है।” उन्होंने ‘लखपति दीदी अभियान’ की भी बात की, जिसका उद्देश्य है महिलाओं की सालाना आय ₹1 लाख से अधिक करना। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
464 करोड़ की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिले के लिए 464 करोड़ रुपये की लागत वाली विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं, जो क्षेत्रीय विकास को गति देंगी।
महिला स्टार्टअप्स को मिली 8.5 करोड़ की सौगात
कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह (SHG) की चार महिला उद्यमियों को 8.5 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव (Intent to Invest) सौंपे गए। इससे महिला स्टार्टअप्स को नई उड़ान मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डीडी उइके ने मुख्यमंत्री का भावपूर्ण स्वागत किया और उनका पैर छूकर सम्मान व्यक्त किया।
अक्टूबर में भोपाल में लगेगा भव्य किसान मेला
मुख्यमंत्री ने देवास के हाटपिपल्या में घोषणा की कि अक्टूबर में भोपाल में एक विशेष किसान मेला आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कृषि को उद्यमिता से जोड़ना और किसानों की आमदनी को बढ़ावा देना। सरकार इस दिशा में सतत प्रयासरत है।
अब महिलाएं पाएंगी ₹15,000 सालाना की आर्थिक मदद
लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह ₹1000 की सहायता दी जाती थी, जिसे बाद में ₹1250 कर दिया गया। अब इस राशि को पांच वर्षों में बढ़ाकर ₹3000 किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ महिलाओं को सालाना ₹15,000 से भी अधिक की आर्थिक सहायता के रूप में मिलेगा।