40 करोड़ की लागत से बाग में डायनासोर पार्क का निर्माण और विकास
Dinosaur Park in Bagh : धार जिले के बाग में डायनासोर पार्क के निर्माण और विकास के लिए शासन से 40 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। पार्क के विकास की जिम्मेदारी इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने ली है। यह कार्य बोर्ड के माध्यम से वन विभाग करेगा। बोर्ड ने पहले चरण में कंसल्टेंसी फर्मों की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे आने वाले दिनों में टेंडर जारी कर दिया जाएगा। धार जिले के बाग इलाके में कई बार डायनासोर के अंडे मिल चुके हैं।
ईको टूरिज्म बोर्ड सीईओ समिता राजौरा के मुताबिक, पूरे प्रोजेक्ट का काम बोर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक कॉन्सेप्ट प्लान के तहत किया जाएगा। इसके विकास के लिए एक विशेषज्ञ वैश्विक एजेंसी नियुक्त की जाएगी। पाडल्या गांव के 17 व 19 कंपार्टमेंट का कार्य बोर्ड के माध्यम से किया जाएगा। इसे 2010 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। दरअसल पाडल्या वन गांव में डायनासोर के अंडों के जीवाश्म और घोंसले बनाने की जगह पाए जाने के बाद 2010 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
इसके विकास की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गयी है। 14 वर्ष बाद भी वन विभाग इसके विकास में उल्लेखनीय कार्य नहीं कर सका। तमाम कोशिशों के बाद वन विभाग ने 2021 में प्रबंधन योजना तैयार की थी, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हो सका। अब टूरिज्म बोर्ड ने कंपार्टमेंट 17 और 19 में 89 हेक्टेयर भूमि पर विश्व स्तरीय कार्य के लिए कॉन्सेप्ट प्लान तैयार किया है।
ओपन म्यूजियम में नर्मदा पथ की परिक्रमा बनाई जाएगी। टनल का निर्माण होगा। इसमें लाइट और साउंड शो के माध्यम से आदिकाल पर प्रस्तुति दी जाएगी। डायनासोर की रेप्लिका बनाई जाएगी। पार्क की बाउंड्रीवाल भी विशिष्ट डिजाइन की होगी। साथ ही भव्य मुख्य द्वार बनेगा।