मध्यप्रदेश
WhatsApp में ऑटो डाउनलोड से डेटा लीक, ऐसे अकाउंट खाली होने कैसे बचे
Cyber Attack : मध्य प्रदेश में हर दिन 30 से ज्यादा लोग हैकर्स का शिकार होते हैं, जिससे साइबर क्राइम तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह साल में साइबर अपराध पांच गुना बढ़ गया है। आम लोगों के अलावा बैंक और सरकारी एजेंसियां भी हैकिंग का शिकार हो चुकी हैं। आपके व्हाट्सएप में ऑटोमैटिक डाउनलोड फीचर है तो मैलवेयर एप्लिकेशन भी हो सकता है। जो आपकी निजी जानकारी ब्लैकमेलर्स और साइबर ठगों को भेज रहे हैं। यह मैलवेयर रात में सक्रिय होता है और आपका डेटा चुरा लेता है।
हैकर्स ने इन्हें बनाया टारगेट
- 10 जून को सीहोर जिले की एक निजी यूनिवर्सिटी में 8 हजार से ज्यादा छात्रों का निजी डेटा हैक कर लिया गया था।
- 15 अगस्त की शाम अपेक्स बैंक का मुख्य सर्वर हैक हो गया था। इससे राज्य भर के किसानों और नागरिकों की जानकारी खतरे में थी।
- प्रदेश का ई-नगर पालिका सर्वर हैक होने से लाखों लोगों का डेटा खतरे में 2 जनवरी को हैकर्स ने नगर पालिका के करीब 50 लाख घरों का निजी डेटा एक्सेस कर लिया।
साइबर सेल के इंस्पेक्टर हेमंत पाठक ने बताया की कई बार बिना ओटीपी, लिंक या मोबाइल यूजर पहचान के मैलवेयर के जरिए बैंकिंग की जाती है। फिशिंग के कारण कई यूजर्स हैकर्स के जाल में फंस जाते हैं। जिससे उपयोगकर्ताओं को सावधानी बरतनी चाहिए।