मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए बड़ा झटका! क्या सरकार ने तोड़ा वादा?

Big setback for guest teachers of Madhya Pradesh! Did the government break its promise?

MP Guest Teachers: मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए एक बार फिर निराशाजनक खबर आई है। राज्य सरकार ने उनके स्थायीकरण को लेकर कोई योजना न होने की बात स्पष्ट कर दी है। विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किए गए वादे को लागू करने की कोई योजना नहीं है। इससे हजारों अतिथि शिक्षकों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।

आठवां वेतन आयोग ताजा अपडेट: यह कर्मचारी होंगे बाहर लिस्ट में देखें अपना नाम

विधानसभा में उठा सवाल, सरकार ने दिया सीधा जवाब

विधानसभा में विधायक तेजबहादुर सिंह चौहान ने सरकार से पूछा कि क्या अतिथि शिक्षकों के स्थायीकरण की कोई प्रक्रिया शुरू होने जा रही है? क्या 2025-26 तक इस घोषणा को अमल में लाया जाएगा? इसके जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से “नहीं” कहा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अतिथि शिक्षकों के लिए अलग से कोई पात्रता परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में पात्रता परीक्षा और चयन परीक्षा का प्रावधान पहले से ही मौजूद है, जिसमें अतिथि शिक्षकों को आरक्षण भी दिया गया है। लेकिन, सरकार ने किसी अतिरिक्त विभागीय परीक्षा का वादा नहीं किया था।

शिवराज सरकार के वादे का क्या हुआ

2 सितंबर 2023 को भोपाल में अतिथि शिक्षकों की महापंचायत आयोजित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया था कि स्थायीकरण के लिए अलग से विभागीय परीक्षा करवाई जाएगी। इस घोषणा से हजारों अतिथि शिक्षकों को उम्मीद जगी थी कि उनकी अस्थायी नौकरी अब स्थायी हो जाएगी। लेकिन अब सरकार का कहना है कि “पात्रता परीक्षा की बात हुई थी, न कि विभागीय परीक्षा की।

क्या अतिथि शिक्षक सिर्फ चुनावी मुद्दा हैं

अतिथि शिक्षक पिछले कई वर्षों से चुनावी मुद्दा बनते आ रहे हैं। चुनावों से पहले सरकारें बड़े-बड़े वादे करती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन्हें भुला दिया जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। चुनाव से पहले भर्ती प्रक्रिया की उम्मीद जगाई गई, लेकिन अब सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है।

सरकार ने हाल ही में विभिन्न विभागों में नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन अतिथि शिक्षकों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में सवाल उठता है—क्या अतिथि शिक्षक सिर्फ वोट बैंक हैं, जिनका उपयोग चुनावों के समय किया जाता है और फिर भुला दिया जाता है।

समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button