मऊगंज के नवागत SP दिलीप सोनी के पास है कितनी संपत्ति यहां देखें पूरी खबर
अपराध नियंत्रण से लेकर सुरों तक का सफर,कोरोना काल में बना साहस का स्वर,पुलिस ड्यूटी से परे एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व,नशामुक्त समाज के लिए सुरों की पहल।

मध्य प्रदेश पुलिस सेवा के अधिकारी दिलीप कुमार सोनी अपनी पेशेवर कुशलता और अद्भुत कला प्रेम के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्हें मऊगंज जिले का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे उज्जैन में आर्थिक अपराध शाखा के एसपी थे और इंदौर क्राइम ब्रांच में रहते हुए कई चर्चित मामलों को सुलझा चुके हैं। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात सुधीर भदौरिया गैंग का पर्दाफाश उनके करियर की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है।
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सुरों से संदेश जब एसपी ने बेटी संग बनाया चुनावी गीत
दिलीप सोनी की एक खास बात यह है कि वे सिर्फ कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता लाने के लिए भी अपनी कला का इस्तेमाल करते हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपनी 12 वर्षीय बेटी काव्या के साथ “सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो” गीत गाया, जो चुनाव आयोग के अभियान का हिस्सा बना।
महामारी में बना प्रेरणा स्रोत, जब सुर बने सहारा
कोविड-19 की पहली लहर के दौरान जब देश निराशा के अंधेरे में डूबा था, तब सोनी ने ‘वंदे मातरम’ और ‘रुक जाना नहीं तू कहीं हार के’ जैसे गीत गाकर पुलिस और कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढ़ाया। उस समय वे इंदौर में नारकोटिक्स एसपी के पद पर तैनात थे।
किताब से शुरू हुआ सुरों का सफर
वर्ष 2000 में भोपाल के न्यू मार्केट में उन्हें एक पुरानी किताब मिली, जो कंप्यूटर पर आवाज़ रिकॉर्डिंग से जुड़ी थी। यही किताब उनकी कला यात्रा की शुरुआत बनी। उन्होंने खुद रिकॉर्डिंग सीखी और 1990 के दशक के लोकप्रिय बैंड ‘आर्यन्स’ के साडू नंबिसन के साथ स्क्रैच रिकॉर्डिंग भी की। यहीं से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने पुलिस कार्यक्रमों में गाना शुरू किया।
ना मुनाफा, सिर्फ समाज सेवा
दिलीप सोनी ने कभी भी अपने संगीत का व्यावसायिक लाभ नहीं उठाया। उन्होंने अपनी आवाज़ का उपयोग समाज को जोड़ने और जागरूक करने के लिए किया। इंदौर में नारकोटिक्स एसपी रहते हुए वे युवाओं में नशा विरोधी अभियान में भी सक्रिय रहे।
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मूल्यवान संपत्ति, पर असली पूंजी है जनसेवा
वर्तमान में एसपी मऊगंज दिलीप सोनी भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम में कुल मिलाकर करीब 4 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन उनके लिए असली गर्व की बात है—जनता की सेवा और अपने सुरों से समाज को सकारात्मक संदेश देना।