ड्राइवर की बेटी बनी SDM: डिंपल ज्योति रानी की मेहनत और हौसले की मिसाल
बिना कोचिंग के BPSC परीक्षा पास कर SDM बनीं डिंपल ज्योति रानी, एक साधारण परिवार से निकलकर मेहनत और हौसले की मिसाल बनीं, जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी

बिहार की डिंपल ज्योति रानी ने ये साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। बिना किसी कोचिंग के उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) जैसी कठिन परीक्षा पास कर राज्य प्रशासन में एक अहम मुकाम हासिल किया। आज वे बिहार में सीनियर डिप्टी कलेक्टर (SDM) के पद पर तैनात हैं और उनकी संघर्षभरी सफलता की कहानी हज़ारों युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है।
ज्योति की पृष्ठभूमि
ज्योति रानी बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल प्रखंड स्थित चिकनी गांव की रहने वाली हैं। उनका परिवार बेहद सामान्य आर्थिक स्थिति में जीवन बिता रहा था। पिता एक पिकअप चालक हैं और मां आंगनवाड़ी सेविका। लेकिन परिवार की सीमित आमदनी ने कभी भी ज्योति की शिक्षा के रास्ते को रोका नहीं। उन्होंने अपने माता-पिता के सपनों को अपने हौसले से पूरा किया।
संघर्ष और त्याग की मिसाल
पटना में रहकर ज्योति ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने खुद को बीपीएससी की तैयारी में झोंक दिया। इस दौरान उन्हें एक प्राइवेट कंपनी में अच्छी सैलरी पर नौकरी भी मिली, लेकिन कोरोना लॉकडाउन ने उनका यह अवसर छीन लिया। इस झटके के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पूरी ताकत से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
पहली असफलता, फिर बड़ी जीत
पहले प्रयास में असफल होने के बावजूद ज्योति ने हार नहीं मानी। उन्होंने दोबारा मेहनत की और BPSC की 67वीं परीक्षा में सफलता हासिल की। रिजल्ट वाले दिन वो ट्रेन में सफर कर रही थीं। जैसे ही उन्होंने अपना परिणाम देखा, खुशी से उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। तुरंत उन्होंने अपने पिता को फोन किया और कहा, “पापा, मैं SDM बन गई।” यह सुनकर उनके पिता भी भावुक हो गए।
ज्योति रानी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियां भी आपको रोक नहीं सकतीं अगर आपके इरादे पक्के हों। उनका सफर हर उस युवा के लिए एक प्रेरणा है जो बिना संसाधनों के भी बड़े सपने देखता है।